ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इंकलाब-ए-मिल्लत के सदस्य बालकृष्ण राव नामधारी ने तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

मुगलपुरा पुलिस के मुताबिक चीफ मेट्रोपॉलिटन जज की कोर्ट में तीनों के खिलाफ गुरुवार को मामला दर्ज कराया गया है। बालकृष्ण राव नामधारी खुद एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। मुगलपुरा पुलिस ने कहा कि हम शिकायत में दर्ज आरोपों की फिलहाल जांच कर रहे हैं। इसके बाद मामले की जांच करेंगे।

तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295(ए), 117, 153, 153 (ए), 120 (बी) और 16 (तीन) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दर्ज शिकायत में वारिस पठान को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। वहीं ओवैसी का नाम दूसरे और कपिल मिश्रा का नाम तीसरे स्थान पर है।

वारिस पठान पर आरोप लगाया गया है कि ओवैसी की मौजूदगी में कलबुर्गी में 15 फरवरी को सीएए के खिलाफ आयोजित रैली में उन्होंने भड़काउ भाषण दिेए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस भाषण से हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव और दंगे की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

कपिल मिश्रा पर भी दिल्ली में 23 फरवरी को मौजपुर और जाफराबाद में सीएए के समर्थन में भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है। इसके बाद समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों ने हिंसा का रूप ले लिया।

शिकायतकर्ता ने एआईएमआईएम नेताओं और कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
 

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