केन्द्र का सुप्रीम कोर्ट को 129 पन्नों मे जवाब
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 160 याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया।
केंद्र ने 129 पन्नों के अपने जवाब में कहा कि यह कानून किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करता और इससे संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन होने का कोई सवाल नहीं उठता। केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि सीएए केंद्र को मनमानी शक्तियां नहीं देता, बल्कि इस कानून के तहत निर्देशित तरीकों से नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता कानून यानी CAA पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कानून को सही बताया है। हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि देश की संसद ने ये कानून बनाया है. नागरिकता देना सरकार का अधिकार है और इसमें कोर्ट का हस्तक्षेप बहुत सीमित है।
सरकार ने कहा कि ये कानून भारत की धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है। सरकार ने कुछ धर्म विशेष के लोगों को भारत की नागरिकता देने का फैसला किया है, जो ऐसे देश में रहते हैं जो किसी ना किसी धर्म के आधार पर चलते हैं । केंद्र ने कहा कि CAA कानून धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं देता, बल्कि यह धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर है। ये कानून इस्लामिक देशों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा देता है। ये कानून भारत के किसी भी नागरिक का अधिकार नहीं छीनता.
‘न्यायालयों के पास अपेक्षित विशेषज्ञता नहीं हो सकती।
129 पन्नों के अपने जवाब में केंद्र ने कहा कि CAA के अलावा भी भारत की नागरिकता लेने के विकल्प खुले हैं। ये कानून ऐसे देश के लोगों को नागरिकता देता है, जहां पर अल्पसंख्यकों को ऐतिहासिक तौर पर सताया गया है। सरकार के हलफनामे के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस.ए. बोबडे ने कहा है कि अभी संविधान पीठ सबरीमाला के मामले की सुनवाई कर रही है। ये सुनवाई पूरी होने के बाद CAA मामले पर सुनवाई शुरू की जाएगी।
केंद्र ने अदालत से कहा, ‘ऐसे निर्णय संसदीय विधायी नीति के परिणाम हैं जो कार्यकारी – विदेशी नीति निर्णय पर आधारित हैं जिसके लिए संवैधानिक न्यायालयों के पास उन मानकों की जांच करने के लिए अपेक्षित विशेषज्ञता नहीं हो सकती है जिनके आधार पर ऐसी विधायी नीति बनाई जाती है । ‘
हलफनामे में कहा गया है कि वैध दस्तावेजों और वीजा के आधार पर कानूनी नागरिकता देने का काम तीन निर्दिष्ट देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) सहित दुनिया के सभी देशों से जारी है।