ये जनवरी की बात है जब कोरोना चीन के वुहान में फैलने के बाद दूनिया में पैर जमा रहा था। तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक डील (deal ) चीन से की और उसकी प्रशंसा भी की थी। और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से दोस्ती का दम भरा था। लेकिन कोरोना के अमेरिका में फैलने के बाद ट्रम्प (trump )चीन पर हुक्का-पानी लेकर चढ़ गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो चीन से बहुत नाराज़ हैं क्योंकि उसने कोरोना वायरस को अपने तक सीमित नहीं रखा। कोराना वायरस के कारण दोनों देशों की बीच जारी टकराव से ट्रेड डील ( trade deal)भी अधर में लटक गई है।
कोरोना वायरस की शुरुआत पिछले साल दिसंबर महीने में चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी।
अमेरिका और चीन के बीच जनवरी महीने में पहले चरण की ट्रेड डील पर हस्ताक्षर हुए। ट्रंप ने इस डील की जमकर तारीफ़ की थी। अब एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा है, ”मैं चीन से बहुत नाराज़ हूं। अभी जो हुआ है उसे कभी नहीं होना चाहिए था। तब मैंने एक बढ़िया समझौता किया था लेकिन तब की बात कुछ और थी।
ट्रंप पहले कहते थे कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनके अच्छे रिश्ते हैं लेकिन अब वो नाराज़ हैं। ट्रंप ने कहा, ”मैं अभी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहता। चीन के साथ पहले चरण के समझौते में तय हुआ था कि चीन कम से कम 200 अरब डॉलर का अमेरिकी सामान दो सालों में ख़रीदेगा।
चीन के एक सरकारी अख़बार ने अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि चीन ट्रेड डील को लेकर फिर से बातचीत शुरू करना चाहता है। ट्रंप का कहना है कि अब वो इसमें कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं। ट्रंप से पूछा गया कि रिपब्लिकन सांसदों ने कहा है कि चीनी स्टूडेंट जो अमेरिका पढ़ने आते हैं उन्हें वीज़ा देना बंद कर देना चाहिए, क्या ऐसा कोई फ़ैसला होगा?
इस पर ट्रंप ने कहा, ”ऐसी कई चीज़ें हैं जो हम कर सकते हैं। हम ऐसा कर सकते हैं। हम चीन से पूरा संबंध ख़त्म कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा, ”अगर हम संबंध पूरी तरह से ख़त्म कर लेते हैं तो क्या होगा? 500 अरब डॉलर की बचत होगी।’ ट्रंप ने चीन से सालाना आयात की यह रक़म बताई है। ट्रंप अक्सर कहते हैं कि चीन से कारोबारी रिश्ता पैसे की बर्बादी है।