कन्नाैज। समाजवादी इत्र बनाने वाले पीयूष जैन के यहां जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम की जांच के रविवार रात तक करीब 104 घंटे पूरे हो गए हैं। कानपुर के आनंदपुरी स्थित आवास के बाद उसके कन्नौज स्थित पैतृक घरों में भी नोटों का जखीरा मिल रहा है। यहां दीवारों और फर्श की सुरक्षित खोदाई के लिए अब आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) की टीम की मदद ली जा रही है। अकूत संपदा को लेकर टीम ने दीवारों, फर्श, तहखाना व सुरंगनुमा अलमारियों की पैमाइश की है। कंक्रीट की दीवार के साथ खड़ी की गई प्लाई की दीवार तोडऩे पर नोटों का जखीरा निकला है। सुरंगनुमा अलमारी में भी नोटों के बंडल प्लास्टिक की बोरियों में दिखे हैं, जिन पर कागज के बाद ऊपर से पीले टेप लगे हैं। सोने-चांदी के आभूषण, ड्रमों में संदल आयल व केमिकल भी मिला है। मुख्य पैतृक आवास में स्थानीय बैंक के कई कर्मी चार मशीनों से नोट गिन रहे हैं। 

कारोबारी, उसके दोनों बेटे हिरासत में हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के इतिहास की इस सबसे बड़ी नकदी बरामदगी के आंकड़े अभी और बढ़ेंगे।  

शुक्रवार को पीयूष जैन के दोनों बेटे प्रत्यूष और प्रियांश, दो पंच सपा नेता नेम ङ्क्षसह यादव व अमित दुबे उर्फ अल्टर के साथ जांच टीम घर में दाखिल हुई थी। रविवार सुबह लखनऊ और कानपुर से जांच टीम के कुछ और भी सदस्य पहुंचे हैं। इन्हें एएसआइ का बताया जा रहा है। एएसआइ को लाने की वजह ये है कि वह पुरातात्विक स्थलों की खोदाई बड़ी सुरक्षा के साथ करते हैं ताकि कोई भी चीज नष्ट नहीं होने पाए। पहले इन अफसरों ने तीन हिस्सों में बने पैतृक आवास का निरीक्षण किया। इसके बाद गोदाम का ताला खुलवाकर जांच की। वहां पान मसाला के कंपाउंड के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले वाले तमाम ड्रम मिले। दोपहर बाद गोदाम की फर्श तोडऩे व ताले काटे जाने की आवाजें आती रहीं। दोपहर दो बजे दीवारों को स्कैन करने वाली मशीन लाने की भी चर्चा रही। शाम करीब चार बजे टीम का एक सदस्य घर के अंदर रबड़ का बंडल लेकर दाखिल हुआ। संभव है, ये गिनती किए गए नोटों पर लगाई जाएंगी। प्लाई की दीवार से 500-500 के नोटों के बंडल मिले हैं। इसमें 2000 और 50-50 के नोट भी हैं। हालांकि, नकदी, जेवरात या अन्य सामान मिलने को लेकर अभी तक कोई अधिकृत बयान नहीं आया है। टीम के एक अफसर के मुताबिक, बरामदगी बड़ी है। सोमवार देर शाम तक स्थिति स्पष्ट होगी।

आशंका है कि कारोबारियों के यहां दीवारों, फर्श के अंदर पुरातात्विक धरोहरें भी हो सकती हैं। इसलिए एएसआइ टीम को बुलाने की बात को बल मिल रहा है। 

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