बांदा। उत्तर प्रदेश में योगी 2.0 सरकार के शपथ लेते ही अलग-अलग जिलों अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलना जारी हो चुका है। इसी कड़ी में बांदा विकास प्राधिकरण ने तिंदवारी से पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति पर अपना शिकंजा कस दिया है। बृजेश चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे जिन्हें पार्टी ने तिंदवारी से अपना प्रत्याशी बनाया था पर वह हार गए थे।

चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाना बृजेश प्रजापति को महंगा पड़ गया और उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस में चार मंजिला मकान और कार्यालय में हुए अवैध निर्माण का ब्यौरा देते हुए 7 अप्रैल को पेश होने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर प्रजापति 7 अप्रैल तक ब्यौरा देने में असफल होते हैं तो यह इमारतें ढहा दी जाएंगी।

जानकारी के मुताबिक, बांदा विकास प्राधिकरण ने तिंदवारी से बीजेपी विधायक रहे बृजेश प्रजापति (अब सपा में) को बगैर नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कराने के मामले में नोटिस थमा दी है। बृजेश इस बार सपा से चुनाव लड़े थे पर हार गए थे। बृजेश प्रजापति ने नोटिस को खुद अपने सोशल मीडिया एकाउंट से पोस्ट किया और सरकार पर तंज कसते हुए लोगों को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि इंटरमीडिएट हो 12वीं, पता नहीं ये गृह मंत्री से पूछो, पर पेपर लीक होने की बधाई. जिस पर लोग उन्हें ट्रोल भी करते नजर आ रहे हैं.।

BDA के सचिव ने जारी नोटिस में लिखा है कि आप द्वारा बिना नक्शे स्वीकृत कराए बिजली खेड़ा में लगभग 190 वर्ग सेंटीमीटर के क्षेत्रफल में कई तलों में भवन निर्माण कार्य किया गया है। स्थल पर कोई स्वीकृति नही दिखाई गई। जिसको लेकर BDA न्यायालय में 7 अप्रैल 22 को उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करें कि आप द्वारा अवैधानिक रूप से किये या कराए जा रहे निर्माण को रोकने अथवा किये गए निर्माण को गिरा देने के आदेश या आज्ञा क्यों न दी जाए।।आप स्वयं या किसी प्रतिनिधि को उपस्थित करा कारण स्पष्ट करें।

आपको बता दें इस मकान में सपा नेता बृजेश प्रजापति अपना कार्यालय बनाये हुए हैं और इसी में रहते भी हैं। बृजेश ने विधानसभा चुनाव के पहले सपा जॉइन की थी। और 9 मार्च को इवीएम को लेकर सपाइयों के हंगामे में खुद डीएम की गाड़ी चेक की थी जिस पर डीएम से बहस भी हुई थी।