वाशिंगटन, एजेंसियां। जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों ने उन्हें बधाई दी है। ईरान ने उनसे गलतियों की भरपाई करने का आग्रह किया है। फलस्तीन ने भी बाइडेन को बधाई दी है। इससे यह माना जा रहा है कि वह पिछले तीन साल से जारी व्हाइट हाउस के राजनीतिक बहिष्कार को खत्म कर सकता है। हालांकि चीन और रूस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि रूस पर जहां वर्ष 2016 के चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगता रहा है वहीं चीन पर कोरोना को लेकर ट्रंप शुरुआत से हमलावर रहे हैं।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘अमेरिका उनके देश का सबसे करीबी और महत्वपूर्ण सहयोगी है। दोनों देशों के संबंध नेतृत्व परिवर्तन से प्रभावित नहीं होते हैं। नए राष्ट्रपति के साथ व्यापार और जलवायु परिवर्तन पर सहमति बन जाएगी। हालांकि मैंने अभी तक बाइडेन से बात नहीं की है।’

इस बीच अमेरिका के कट्टर विरोधी ईरान ने बाइडेन से पिछली गलतियों की भरपाई करने का आग्रह किया है। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपने संदेश में 2015 के परमाणु समझौते को एक बार फिर अमल में लाने का आह्वान किया है।

तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने कहा कि परिणामों से पुराने सहयोगियों के बीच संबंधों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं आएगा। हालांकि अंकारा सीरिया और दूसरे नीतिगत मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए अमेरिका के साथ काम करता रहेगा।

फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने रविवार को निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन को बधाई दी। इस संदेश के बाद माना जा रहा है कि वह पिछले तीन साल से जारी व्हाइट हाउस के राजनीतिक बहिष्कार को खत्म कर देगा। उधर, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी है। साथ ही ईरान और फलस्तीन जैसे मुद्दों पर मतभेद के बावजूद दोनों देशों में मजबूत संबंधों की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद भी दिया।

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