असम सरकार के मंत्री और नॉर्थ ईस्ट के प्रभावशाली बीजेपी नेता हेमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय बीजेपी के लिए वोट नहीं करता है और बीजेपी को वो सीटें नहीं मिलेंगी जो ‘मिया मुस्लिम’ के हाथों में हैं। खानापारा के वेटनरी कॉलेज में 4,511 टीचरों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि वह यह बात अनुभव के आधार पर कह रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह कहा कि बीजेपी को मुसलमानों के वाटों की आवश्यकता भी नहीं है। 

हेमंत बिस्व सरमा ने कहा, ”मिया मुस्लिम हमारे लिए (बीजेपी) वोट नहीं करते हैं। मैं यह बात अनुभव के आधार पर कह रहा हूं, उन्होंने पंचायत और लोकसभा चुनाव में हमें वोट नहीं दिया। बीजेपी को उन सीटों पर वोट नहीं मिलेंगे जो इनके हाथों में हैं, जबकि दूसरी सीटें हमारी हैं।”

उत्तर-पूर्वी राज्यों में बीजेपी के प्रभावशाली नेता ने आगे कहा, ”हालांकि, हम इन सीटों पर भी अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे ताकि जो लोग खुद को मिया मुस्लिम से नहीं जोड़ते उन्हें कमल या हाथी (असमगण परिषद का चुनाव चिह्न) का विकल्प मिल सके।

सेंटिनेंटल असम की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरमा ने कहा, ”जब तक तलाक, बाल विवाह, बहुविवाह जैसी चीजें मिया मुस्लिम की जिंदगी का हिस्सा है, हम उनसे वोट नहीं मांगेंगे। हालांकि, हमारे कुछ पार्टी वर्कर्स उनके बीच से हैं। ऐसे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ना गिरे इसके लिए हम मिया मुस्लिम बहुल इलाकों में भी उम्मीदवार खड़े करेंगे। हेमंत बिस्व सरमा का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। राज्य में 35 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं और कई सीटों पर इनका निर्णायक प्रभाव है।  

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