बिहार के भागलपुर की चाय की धूम अब यूएसए तक पहुंच गयी है। कोरोना काल में जिले के पीरपैंती के दुबौली गांव के दो भाइयों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर्बल चाय बनायी और इसे फेसबुक व गूगल के माध्यम से ऑनलाइन बेचने लगे। चार माह में ही प्रतिमाह दो हजार पैकेट की मांग बढ़ गयी है। इससे पहले वे लेमन ग्रास की खेती करते थे और बड़े व्यापारी उनसे सूखे पत्ते खरीदते थे। इस कारण उचित मुनाफा उन्हें मिल नहीं पाता था।

भागलपुर शहर से 70 किलोमीटर दूर स्थित दुबौली गांव के रमन दुबे व रौनक कुमार ने बताया कि एक एकड़ में लगाये गये लेमन ग्रास अगस्त माह में तैयार हो गया था। कोरोना को देखते हुए इसके पत्ते से खुद ही हर्बल टी बनाने लगे और फेसबुक व गूगल के माध्यम से इसे बाजार में बेचने लगे। अगस्त में मात्र पांच सौ पैकेट की बिक्री हुई। उसके बाद धीरे-धीरे प्रोडक्ट की मांग बढ़ने लगी। अभी यूएसए से 50 पैकेट की मांग हर माह मिल रही है। डाक के माध्यम से उनलोगों को यह उपलब्ध कराया जा रहा है। दूसरे देशों से भी मांग मिलने की उम्मीद है।  

खेती के लिए 30 किसान आये आगे 
लेमन ग्रास से बने हर्बल टी की मांग को देखते हुए आसपास के इलाकों के 30 से अधिक किसान इस साल से दस एकड़ में इसकी खेती करेंगे। रौनक ने बताया कि किसानों को लेमन ग्रास का उत्पादन करने के बाद उन्हें माल का भंडारण और बेचने की चिंता नहीं करनी होगी। उनको उचित मूल्य दिलाया जायेगा।

अनिद्रा व बीपी से मिलती है राहत
रौनक ने बताया कि हर्बल टी पीने से अनिद्रा व बीपी से राहत मिलती है। इसके साथ शुगर को कंट्रोल करने के साथ मोटापा को घटाने में मददगार है। इसे पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

स्टार्टअप के तहत जल्द दस लाख की मिलेगी राशि
अन्ना यूनिवर्सिटी से अभियांत्रिकी में स्नातक रौनक व आईएसबीआर बेंगलुरु से व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर रमन दूबे भागलपुर से पहला एग्री स्टार्टअप का काम कर रहे हैं। सरकार स्टार्टअप बिहार ट्रस्ट के माध्यम से इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनों भाइयों को दस लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। सरकार को कृषि आधारित उनका आइडिया पसंद आया था। इसके तहत किसानों का भंडारण, क्रय विक्रय, कृषि तकनीक सहयोग, जैविक उर्वरक एवं बीज उपलब्ध करवाना तथा वित्तीय सहयोग आदि किसान कंपनी से जुड़कर कर सकते हैं। एग्रीफीडर ने सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती, मशरूम उत्पादन, मत्स्य और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण भी किसानों को करायेगा।

युवाओं को रोजगार देना प्राथमिकता
लाखों का पैकेज छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले दोनों भाइयों का मकसद है कि भागलपुर में खेती की अपार संभावना है। इससे जुड़कर काफी लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। भविष्य में गोल्डेन गेट के नाम से चाय की ब्रांडिग कर 25 एक्सक्लूसिव आउटलेट्स खोलने की योजना है।

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