अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान नीति को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडेन पर निशाना साधा। ट्रंप ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि निकासी अभियान के जरिए बड़ी संख्या में आतंकवादी भी अफगानिस्तान से बाहर आ गए होंगे। ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान से निकाले गए 26 हजार लोगों में से केवल 4 हजार अमेरिकी हैं, और इस बात का कोई अंदाजा ही नहीं है कि निकासी अभियान में कितने आतंकी अमेरिका लाए गए। उन्होंने कहा कि बाइडेन ने अफगानिस्तान में आतंकवादियों के सामने घुटने टेक दिए।

ट्रंप ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘बाइडेन ने अफगानिस्तान के आतंकवादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं और सैनिकों को वापस बुला कर हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया। अब हमें पता चला है कि निकाले गए 26,000 लोगों में से केवल 4 हजार अमेरिकी थे। तालिबान जिसने अब पूरी तरह कब्जा कर लिया है, उसने इन निकासी उड़ानों में सबसे प्रतिभाशाली लोगों को चढ़ने की अनुमति नहीं दी। हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि अफगानिस्तान से कितने आतंकवादियों को हवाई मार्ग के जरिए निकाला गया। यह एक भयानक विफलता है। कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया। जो बाइडेन कितने आतंकवादी अमेरिका लाएंगे? हमें नहीं पता।’

इस बीच, रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश कर तालिबान के हमले की गति और प्रकृति के बारे में सैन्य तथा खुफिया सलाहकारों की सलाह को ना मानने को लेकर बाइडेन की निंदा की। इस प्रस्ताव को अल्पसंख्यक नेता केविन मैकार्थी, अल्पसंख्यक सचेतक स्टीव स्कैलिस और कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष एलिस स्टेफनिक द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। वाल्ट्ज ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका को विश्व मंच पर शर्मिंदा किया है और हमारे आधुनिक इतिहास में विदेश नीति में सबसे बड़ी गड़बड़ी की है।’

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