विशेष संवाददाता
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को लेकर चिंता जाहिर करते हुए गुहार लगायी है कि इस मुश्किल घडी मे उसके देश पर जो कर्जे का बोझ है, उसका कुछ हिस्सा माफ कर दिया जाय। इमरान ने अपने साथ भारत का भी नाम लेते हुए गरीबी का रोना रोया। उन्होने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनो गरीब मुल्क हैं । हम लोग बड़े मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं। हम अमेरिका और यूरोप की तरह अमीर नहीं हैं हम कोरोना से बचेंगे तो हमारे लोग भूख से मर जाएंगे।
इमरान साहब आप भीख मागिए, कर्जा माफ करने के लिए गुहार लगाए, किसी को एतराज नहीं । लेकिन अपने साथ हिन्दुस्तान का नाम मत लीजिए। कहने का मतलब यह कि गंगू तेली को राजा भोज से मत जोडिए। कहाँ भारत, जिसने कोरोना वायरस की चुनौती का सामना क’रने के मामले में दुनिया मे नंबर एक स्थान हासिल किया है और इसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संघटन तक ने की है। हालांकि भारत विकसित देश नहीं है पर पाकिस्तान की तरह भूखा नंगा भी नहीं । उसको कर्जा मागने की दरकार नहीं है।
वहीं लगभग दिवालिया हो चुके पाकिस्तान का मानना है कि वो यदि वायरस से बचाव का उपाय करेगा तो खाने तक के लाले पड जाएंगे।
गौरतलब है कि इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से कहा, “एयरपोर्ट पर अब तक 9 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का पहला केस 26 फरवरी को आया था. हम बहुत ही मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं। “
इमरान ने आगे कहा, “हमारी हालत अमेरिका और यूरोप जैसी नहीं है. हम एक तरफ कोरोना वायरस से बचने जाएंगे तो हमारे लोग भूख से मर जाएंग । “”
इमरान ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पाकिस्तान की जनता से उनकी सरकार का सहयोग करने की अपील की। इमरान ने कहा कि चीन कोरोना के खिलाफ जंग इस वजह से ही जीत पाया क्योंकि वहां के लोगों ने सरकार का साथ दिया।
पाकिस्तान में कोरोना से पीड़ितों की संख्या 237 तक पहुंच गई है। पाकिस्तान की अर्थव्यव्स्था वैसे ही बहुत बुरे दौर से गुजर रही है ऐसे में एक तरफ कोरोना से बचाव करना है और दूसरी ओर पाकिस्तान की जनता का पेट भरना है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कोरोना के मरीजों के कुल 172 केस मिले हैं। पाकिस्तान के पंजाब में 26, खाइबर पख्तूनवा में 16, बलूचिस्तान में 16, गिलगिट में 5, बाल्टिस्तान में 5 और इस्लामाबाद में 2 कोरोना के मरीज पाए गए हैं.