अंकुर शर्मा

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने बड़ी बात कही है, मीडिया से बात करते हुए देश के नामी नेताओं में शामिल पवार ने कहा कि उन्हें अब तक जेल जाने का अनुभव नहीं रहा लेकिन अगर कोई उन्हें जेल भेजना चाहता है, तो वे इसका स्वागत करते हैं और सच कहूं तो मुझे इससे खुशी होगी।

‘जेल जाने में मुझे कोई दिक्कत नहीं उल्टा मुझे तो खुशी होगी’

पवार ने आगे कहा कि मैं जांच एजेंसियों को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि उन्होंने ऐसे बैंक से संबंधित एक मामले में मेरा नाम शामिल किया है, जिसका मैं सदस्य भी नहीं हूं तो मैं कैसे इसके निर्णयों में शामिल हो सकता हूं, अगर उन्होंने मेरे खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, तो इसका स्वागत करता हूं।

25 हजार करोड़ रुपए का है घोटाला

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के समेत 70 लोगों को महाराष्ट्र स्टेट कार्पोरेशन बैंक से जुड़े एक मामले में आरोपी बनाया गया है। ये घोटाला 25 हजार करोड़ रुपए का बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

शिकायत में दावा किया गया है कि साल 2007 से 2011 के बीच आरोपियों की मिलीभगत से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का आरोप है। आरोपियों में 34 जिलों के विभिन्न बैंक अधिकारी शामिल हैं। ईडी के मुताबिक मुंबई हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था, इसके बाद ईडी ने यह केस दर्ज किया है। ईडी के मुताबिक, इस स्कैम में कार्पोरेटिव बैंकों के कई मैनेजर भी शामिल थे।

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने की थी शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने इस मुद्दे को लेकर पहले पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में साल 2015 और 29 जनवरी 2018 को शिकायत की थी। इसके बाद वकील एसबी तलेकर के माध्यम से मामले को लेकर एफआईआर दर्ज किए जाने का निर्देश देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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