भविष्य में बनारस को मिलेंगे और भी जीआई टैग
वाराणसी। बनारस के पारंपरिक और स्थानीय महत्व की चीज़ों को जीआई टैग दिलाने की कवायद लगातार जारी है। इसी क्रम में जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत ने बताया कि रामनगर का भंटा, लंगड़ा आम और पान सहित एक अन्य उत्पाद जीआई के लिए भेजे गए हैं। भविष्य में बनारस की मिठाईयां भी शामिल की जाएंगी। जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत ने बताया कि सरकारी सहयोग मिले तो जीआई उत्पादों के जरिये बनारस और आसपास के कारीगरों और शिल्पियों को भी बल मिलेगा।
बनारसी साड़ी को तीन साल में मिला था जीआई टैग
2006 में बनारसी साड़ी को जीआइ दिलाने की शुरूआत हुई, जिसमें तीन साल लगा। अब तक बनारस के 13 उत्पादों को जीआइ मिल चुका है, जिससे बनारसी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। बनारस के चार और उत्पादों को जीआइ टैगिंग के लिए भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद बनारस की वैश्विक पहचान जीआई के लिए भी बन जाएगी।