कश्मीर सरकार ने जुमे की नमाज़ मस्जिदों में पढ़ने पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि कोई नमाज़ अदा नही की जा सकती। जुमे पर मुस्लिम अवश्य अदा कैट हैं, लेकिन कोरोना को देखते हुए सरकार ने इस पर पाबंदी लगाई है। वास्तव में इस खतरे को देखते हुए सरकार पहले ही आराधना स्थलों में पूजा पाठ पर रोक लगा चुकी है।
लखनऊ के धार्मिक नेता राशिद फिरंगी महली ने अपील की है कि लोग ऐसा न करें। भीड़ जमा होने के खतरे को समझें। उन्होंने कहा कि सबसे पाक मक्का और मदीना में मसाजिद में नमाज़ बंद हो चुकी है। दूसरे धर्म में भी पूजा पाठ घरसे की जा रही है। ऐसे में सभी कोरोना से लड़ रहे हैं।
इस्लामिक देश अब कोरोना वायरस के खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं। इस वजह से सामाजिक समारोहों और नमाजों पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। सामूहिक नमाजों पर रोक लगाने के लिए ही मिस्त्र के अल अजहर ने राष्ट्रपति डॉ.आरिफ अल्वी के अनुरोध पर फतवा जारी किया है।
इस फतवे में पाकिस्तान में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को स्थगित करने की अनुमति दी गई है जिससे लोग एक जगह पर जमा न हो और इसके प्रसार को कम किया जा सके।