वाराणसी। गौना की बारात लेकर रंगभरी एकादशी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को महंत आवास पहुंचने पर बाबा की बारात स्वागत का फल, मेवा और मिश्राम्बु की खास ‘रंगभरी ठंडाई’ से पारंपरिक स्वागत किया गया। गौरा का गौना कराने बाबा विश्वनाथ के आगमन पर अनुष्ठान का विधान शिवाचार्य पं. ज्योति शंकर त्रिपाठी एवं पं. श्रीशंकर त्रिपाठी ‘धन्नी महाराज’ के संयुक्त आचार्यत्व में किया गया। दीक्षित मंत्रों से बाबा का अभिषेक करने के बाद वैदिक सूक्तों का घनपाठ किया गया।
विधिवत पूजन हुआ और भोग लगाया गया
काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के सानिध्य एवं पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में विविध अनुष्ठान हुए। बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती की गोदी में प्रथम पूज्य गणेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराया गया। पूजन-आरती कर भोग लगाया गया। महिलाओं और नगर के कलाकारों ने मंगल कामनाओं से परिपूर्ण पारंपरिक गीत लोकनृत्य से ससुराल पहुचे काशी पुराधिपती का स्वागत हुआ।
डमरूओं की गर्जना से गूंज उठा परिसर
मंहत आवास गौने के बधाई गीतों से गुंजायमान हो उठा। इस अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ महाकाल डमरू सेवा समिति के सदस्यों ने मनोज अग्हरि के नेतृत्व में डमरुओं की गर्जना की। शिव बारात समिति के दिलीप सिंह, मैं ब्राह्मण हूँ (समिति) परिवार से अध्यक्ष अजीत त्रिपाठी, मनोज शुक्ल और अनुराग पाण्डेय ने बाबा की आरती उतारी।