नई दिल्ली। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में उपद्रव मचाने वाले डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों  के बीच तिरंगा लिए दिखाई दिए भारतीय मूल के विंसेंट जेवियर ने कहा है कि वो प्रदर्शन के दौरान तिरंगा लेकर ट्रंप समर्थक के रूप में गए थे न कि नस्लवादी के तौर पर। कांग्रेसी सांसद शशि थरूर के समर्थक 54 वर्षीय विंसेंट मूल रूप से केरल के कोच्चि से ताल्लुक रखते हैं।।उन्हें डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रेसिडेंशियल एक्सपोर्ट काउंसिल के मेंबर के तौर पर भी चुना गया था।

विंसेंट ने साफ किया कि कैपिटल हिल में हुई हिंसा का वो हिस्सा नहीं थे। गौरतलब है कि इस हिंसा की घटना में पांच लोगों की मौत हो गई है। विंसेंट ने दावा किया कि वो शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए गए थे जो इलेक्शन फ्रॉड के खिलाफ था। बता दें कि खुद राष्ट्रपति ट्रंप भी चुनाव के बाद से दावा करते रहे हैं कि बड़े स्तर पर धांधली हुई है जिसके कारण उनकी हार हुई।

एक ट्वीट में भी विंसेंट ने कई तस्वीरें पोस्ट कर लिखा है। अमेरिकी देशभक्त, वियतानामी, इंडियन, कोरियन, ईरानी के अलावा अन्य भी कई मूल के, जिनका मानना है कि इलेक्शन में बड़े स्तर पर फ्रॉड हुआ है। उन्होंने कल की रैली ज्वाइन की थी. ये ट्रंप के समर्थन में थी। ये शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी थे जो अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे.

@ShashiTharoor @varungandhi80American patriots – Vietnamese, Indian, Korean & Iranian origins, & from so many other nations & races, who believe massive voter fraud has happened joined rally yesterday in solidarity with Trump. Peaceful protestors who were exercising our rights! pic.twitter.com/aeTojoVxQh

— Vincent Xavier (@VincentPXavier) January 8, 2021

जब विंसेंट से पूछा गया कि उन्होंने हाथ में तिरंगा क्यों लिया था तो उन्होंने कहा कि ये ट्रंप के समर्थन में था. वो रैली कोई नस्लवादी आंदोलन नहीं थी। अगर वो कोई नस्लवादी आंदोलन होता तो मैं भारत का झंडा लेकर नहीं घूम पाता।

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