21 दिनों तक चली जंग के बाद आर्मीनिया और अज़रबैजान एक बार फिर विवादित नार्गोनो-काराबाख़ क्षेत्र में ‘मानवीय युद्धविराम’ पर तैयार हो गए हैं। दोनों देशों ने कहा है कि यह युद्धविराम स्थानीय समयानुसार आधी रात से शुरू होगा।

इससे पहले आर्मीनिया और अज़रबैजान ने पिछले हफ़्ते भी युद्धविराम का निर्णय लिया था जो अगले दिन ही टूट गया था।हालाँकि सीज़फ़ायर के नए ऐलान के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प जारी है।

इससे पहले शनिवार तक दोनों देश एक-दूसरे पर समझौते के उल्लंघन और हिंसा का आरोप लगाते रहे।

आर्मीनिया और अज़रबैजान ने मानवीय युद्धविराम की पुष्टि तो की है लेकिन इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी।

अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि नया सीज़फ़ायर एक अक्टूबर को दिए गए अमरीकी, फ़्रांसीसी और रूसी राष्ट्रपति के बयानों, पाँच अक्टूबर को जारी किए मिंस्क ग्रुप के बयान और 10 अक्टूबर को हुए मॉस्को समझौते पर अधारित है।

आर्मीनियाई विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने भी अपने ट्वीट में यही बात दुहराई।उन्होंने कहा कि आर्मीनिया युद्धग्रस्त क्षेत्र में ‘युद्धविराम और तनाव कम करने’ की दिशा में लिए गए फ़ैसले का स्वागत करता है।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को आर्मीनिया और अज़रबैजान के विदेश मंत्रियों से बात की और कहा कि उन्हें इस समझौते का ‘कड़ाई से पालन’ करना होगा। लावरोव ने ही पिछले हफ़्ते के युद्धविराम को लेकर भी मध्यस्थता की थी।

ज़मीनी हालात

अज़रबैजान ने शनिवार सुबह आर्मीनिया पर मिसाइल दागने का आरोप लगाया। यह मिसाइल युद्धग्रस्त क्षेत्र से काफ़ी दूर स्थित शहर गैंजा में दागी गई।इस मिसाइल हमले में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है और 45 लोग घायल हो गए।

अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में आर्मीनिया पर ‘जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बनाने’ का आरोप लगाया।

आर्मीनिया के अधिकारियों ने इस हमले से इनकार किया है और अज़रबैजान पर रिहायशी इलाकों पर हमला करने का आरोप लगाया है।

आर्मीनियाआई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता शुशान स्तेपनियान ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, “ये वीडियो नार्गोनो-काराबाख़ इलाके में विनाश को दिखाता है।” उन्होंने अज़रबैजान के सैनिकों पर आम लोगों को मिसाइल से निशाना बनाने का आरोप लगाया।

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