नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त दोनों मध्यस्थ गुरूवार को फिर शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शकारियों से कहा कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल न हो। हम चाहते हैं कि रास्ता भी खुल जाए और प्रदर्शन भी चलता रहे। वार्ताकार साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े का कहना है कि वे लोग मीडिया की मौजूदगी में लोगों से बात नहीं करेंगे। मीडिया को टेंट से बाहर जाने के लिए कहा गया है। दोनों वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को समझाने में जुट गए हैं।
साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शकारियों से कहा कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल न हो। हम चाहते हैं कि रास्ता भी खुल जाए और प्रदर्शन भी चलता रहे। इसके अलावा संजय हेगड़े ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट है आपकी बात को अनसुना नहीं किया जा सकता। आपकी बात पुरजोर तरीके से रखी जाएगी।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर से जारी धरने के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बंद है, जिससे यात्रियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है। दादी के नाम से चर्चित बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। वहीं,जब मीडिया ने एक प्रदर्शनकारी से सड़क की नाकाबंदी से हो रही परेशानी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा “आप को नाकाबंदी से लोगों को होने वाली परेशानी दिख रही है लेकिन इस कानून से जो करोड़ों लोगों को परेशानी होगी वह नहीं दिखती। ये धरना नहीं है जो किसी महफ़ूज जगह पर हो जाएगा। ये आंदोलन है जो पूरे देश में हो रहा है और आंदोलन सड़कों पर ही होते हैं। आप इसको धरना बोलकर तौहीन मत कीजिये।” ये कब तक चलेगा ये पूछे जाने पर प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब सरकार CAA वापस लेगी, हम तभी यहां से हटेंगे।