घरेलू दूरसंचार गियर विनिर्माताओं ने दूरसंचार विभाग (डॉट) से 1,072 करोड़ रुपये की कोच्चि-लक्षद्वीप (केएलआई) समुद्री फाइबर संपर्क परियोजना के लिए स्वदेशी कंपनियों के पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी को शामिल करने की अपील की है।
भारतीय दूरसंचार उपकरण विनिर्माता संघ (टीईएमए) और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने अलग-अलग पत्रों में डॉट से कहा है कि परियोजना पर काम कर रहे अधिकारियों के साथ चर्चा के आधार पर उन्हें लगता है कि प्रस्तावित मानकों के आधार पर विदेशी कंपनियां को सौदा हासिल करने में बढ़त मिल सकती है। टीईएमए और पीएचडीसीसीआई के मुताबिक सरकारी अधिकारी परियोजना के लिए रिपीटर सबमरीन केबलों का इस्तेमाल करने के पक्ष में हैं, जो चुनिंदा विदेशी वेंडरों के पास है, जबकि परियोजना के लिए कम लागत वाले रिपीटरलेस केबल उपलब्ध हैं। केएलआई समुद्री केबल संपर्क परियोजना को मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2020 में मंजूरी दी थी और इसके मई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।