नई दिल्ली। रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के भारत के फैसले पर अमेरिका ने फिर से आपत्ति जताई है और इसे खतरनाक बताया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि एस-400 उपयोग करने का निर्णय बेहद ही खतरनाक है और यह किसी के हित में नहीं है। हालांकि विदेश विभाग ने यह भी कहा है कि वह इस मामले पर भारत के साथ बातचीत कर
समस्याओं को सुलझाने के लिए काफी आशान्वित है।    

दिल्ली दौरे पर आईं अमेरिका की डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट वेंडी शेरमेन ने विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एस-400 सौदे को लेकर प्रतिबंध लगाए जाने का अंतिम फैसला राष्ट्रपति जो बाइडेन और सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट एंटनी ब्लिंकन द्वारा लिया जाएगा।

डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट वेंडी शेरमेन ने यह भी कहा कि जो भी देश एस-400 का उपयोग करने का निर्णय लेता है हम उसके बारे में सार्वजनिक तौर पर बात कर रहे हैं। हमें लगता है कि एस-400 का उपयोग किया जाना बेहद ही खतरनाक है और यह किसी के भी हित में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारी मजबूत साझेदारी है। हम बातचीत के जरिए समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं और हमें उम्मीद है कि हम इस मुद्दे को भी हल करने में सफल होंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत को अक्टूबर- नवम्बर तक एस-400 मिसाइल सिस्टम मिलने की उम्मीद है। रुसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने पिछले महीने कहा था कि अक्टूबर तक  5.4 अरब डॉलर के सौदे के तहत एस-400 मिसाइल सिस्टम का पहला बैच डिलीवर किया जा सकता है। वहीं भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी पिछले दिनों पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस साल तक एस-400 मिसाइल का पहला बैच भारत पहुंच जाएगा।

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