वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका की सरकार ने शुक्रवार को अमेरिका से चीन जाने वाली 44 उड़ानों को रद कर दिया। ये उड़ानें चीनी करियर की थीं। अमेरिकी सरकार का यह फैसला 30 जनवरी से लागू हो जाएगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही चीन ने कोरोना का हवाला देते हुए कुछ अमेरिकी उड़ानों को रद कर दिया था। अब अमेरिका ने जवाब दिया है। इस फैसले से शियामेन एयरलाइंस एयर चाइना, चाइना सदर्न एयरलाइंस और चीन ईस्टर्न एयरलाइंस करियर पर असर होगा।

पैसेंजर फ्लाइट को बंद न करे अमेरिका

कुछ यात्रियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद 31 दिसंबर से चीन ने 20 यूनाइटेड एयरलाइंस, 10 अमेरिकन एयरलाइंस और 14 डेल्टा एयरलाइंस की विमानों को निरस्त कर दिया है। मंगलवार को परिवहन विभाग ने कहा कि चीनी सरकार ने फिर से अमेरिकी उड़ानों के रद होने संबंधित एलान किया। वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने शुक्रवार को कहा कि चीन जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पालिसी एक बराबर है।’ पेंग्यू ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित बताया और कहा, ‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वे चीनी एयरलाइंस की पैसेंजर फ्लाइट को बंद न करें।’

चीन ने अमेरिकी मिसाइल प्रतिबंधों की आलोचना की

चीन ने उसकी कंपनियों पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना की है। अमेरिका ने कथित तौर पर मिसाइल प्रौद्योगिकी का निर्यात करने वाली चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था जिसे लेकर चीन ने परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइलों को बेचने के लिए अमेरिका पर पाखंड का आरोप लगाया। अमेरिका ने तीन कंपनियों पर दंड की भी घोषणा की और कहा कि वे अनिर्दिष्ट ‘मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रसार गतिविधियों’ में शामिल थीं। उसने कहा कि उन्हें अमेरिकी बाजारों से और ऐसी तकनीक प्राप्त करने से रोक दिया गया है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा, ‘यह एक विशिष्ट आधिपत्य की कार्रवाई है। चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका कड़ा विरोध करता है।’ उन्होंने कहा, ‘चीन अमेरिका से अपनी गलतियों को तुरंत सुधारने, संबंधित प्रतिबंधों को रद्द करने और चीनी उद्यमों को दबाने और चीन को कलंकित करने की कोशिश से बाज आने का आग्रह करता है।’

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