वाशिंगटन ( एजेंसी)। अमेरिका ने शुक्रवार को चीन द्वारा हाल में जारी तटरक्षक कानून को लेकर चिंता जाहिर की। अमेरिका ने कहा कि इससे समुद्री विवाद बढ़ सकता है। स्पूतनिक ने विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के हवाले से कहा, ‘चीन के नए तटरक्षक कानून को लेकर फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया , जापान अन्य देशों की तरह अमेरिका ने भी चिंता व्यक्त की है।’ पिछले माह, चीन के शीर्ष विधायी निकाय नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमिटी ने तटरक्षक कानून को पारित किया था जो तट रक्षा की मजबूती के लिए है ताकि चीन के अधिकार में आने वाले जलक्षेत्र में विदेशी नौकाओं से खतरा न रहे। तटरक्षक कानून के तहत समुद्र की निगरानी की जाती है।

अमेरिका ने इन नए चीनी तटरक्षक कानून पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे इलाके में जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ेगा एवं अवैध दावे करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि चीन ने पिछले महीने कानून पारित किया था जिसके तहत पहली बार तटरक्षक विदेशी पोतों पर फायरिंग कर सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अमेरिका, फिलीपीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, जापान एवं अन्य देशों के साथ है जिन्होंने चीन द्वारा हाल में लागू तटरक्षक कानून को लेकर चिंता जताई है। इससे इलाके में पहले से जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर एवं पूर्वी चीन सागर में चीन सीमा विवाद में उलझा है। चीन ने इलाके पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए वहां कई द्वीपों एवं चट्टानों का सैन्यीकरण किया है। ये दोनों इलाके खनिज, तेल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार के प्रमुख मार्गों में से एक है। नेड प्राइस ने कहा,’हम विशेषतौर पर कानून की भाषा को लेकर चिंतित है जिसमें दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर में चल रहे क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद में चीनी दावे को लागू करने के लिए संभावित बल के इस्तेमाल की बात की गई है व इनमें चीनी तटरक्षा के सशस्त्र बल शामिल हैं।’

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