चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कल पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो पंजाब में कद्दावर सिख चेहरा तलाश रही बीजेपी अब कैप्टन अमरिंदर सिंह पर दांव लगा सकती है।
असल में पंजाब में बीजेपी को जहां मजबूत चेहरे की दरकार है वहीं कुर्सी गंवाने के बाद कैप्टन को चाहिए एक मजबूत ठिकाना।
पंजाब विधानसभा चुनाव में सिर पर है और कांग्रेस में मची कलह थमने का नाम नहीं ले रही। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी जाने और नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पंजाब से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है।
पंजाब विधानसभा चुनाव होने में महज पांच महीने का वक्त बाकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने और चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी के बाद से कांग्रेस की सियासत में कैप्टन अमरिंदर सिंह पूरी तरह किनारे लगाए जा चुके हैं। वहीं, किसान आंदोलन के चलते पंजाब में अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए सिर्फ बीजेपी को ही नहीं बल्कि कैप्टन को भी बीजेपी की जरूरत है। इसी कड़ी में कैप्टन अमरिंदर और अमित शाह की कल 45 मिनट तक हुई मुलाकात को देखा जा रहा है।
कैप्टन ने बीजेपी में जाने की बात तो नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि अमित शाह से कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन पर चर्चा की और उनसे फसलों के विविधीकरण में पंजाब का समर्थन करने के अलावा कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ संकट को तत्काल हल करने का आग्रह किया।
पंजाब की सियासत में बीजेपी शुरू से छोटे भाई की भूमिका में रही, वो मजबूत क्षेत्रीय क्षत्रप प्रकाश सिंह बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की उंगली पकड़ कर ही चलती रही। नए कृषि कानून के चलते 25 साल पुरानी अकाली और बीजेपी की दोस्ती टूट गई। अकाली के साथ होने के चलते बीजेपी पंजाब में अपना कोई मजबूत चेहरा भी स्थापित नहीं कर सकी और न ही अपनी सियासत खड़ी कर सकी। सिद्धू के 2017 में पार्टी से छोड़कर जाने के बाद तरुण चुग को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया जरूर गया लेकिन वो अपनी पहचान स्थापित नहीं कर सके। ऐसे में किसान आंदोलन से बीजेपी के लिए पंजाब में चुनौतियां खड़ी कर दी है। ऐसे में कैप्टन जैसे चेहरा बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
इसीलिए कांग्रेस के अहम चेहरे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है.म अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर की करीब 45 मिनट तक मुलाकात हुई। अमित शाह के बाद कैप्टन अमरिंदर अब जेपी नड्डा से मिल सकते हैं। ऐसी अटकलें हैं कि कैप्टन को बीजेपी राज्यसभा के रास्ते केंद्र में मंत्री बना सकती है। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह को कृषि मंत्री बनने का ऑफर मिल सकता है।
लेकिन अटकलों के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके ये जताने की कोशिश की कि अमित शाह से मुलाकात किसानों के मुद्दे पर हुई है. जाहिर है कांग्रेस को ये मुलाकात रास नहीं आने वाली थी।