वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को परंपरागत तरीके से हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोग हिस्सा लेंगे। इस हलवा सेरेमनी के बाद बजट से जुड़े अधिकारी दस दिनों तक नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में रहते हैं। जबतक बजट संसद में पेश नहीं हो जाता उन्हें बाहर की दुनिया से अलग रखा जाता है। ऐसा इसलिए होता है ताकि बजट की गोपनीयता बनी रहे।
वित्तमंत्री के अलावा ये लोग होते हैं शामिल
वित्त मंत्रालय हर साल जुलाई या फिर अगस्त से बजट बनाना शुरू कर देता। यह काफी लम्बी और कठिन प्रक्रिया होती है। इसलिए वित्तमंत्री वर्षों जब बजट बनने का काम पूरा हो जाता है और बजट छपने के लिए चला जाता है तब वो सबका मुंह मीठा करवाती हैं। वित्त मंत्री के अलावा वित्त राज्य मंत्री, वित्तीय सचिव भी इस सेरेमनी में हिस्सा लेते हैं।
इस बार नहीं छपेगा बजट
कोराना वायरस के कारण इस बार बजट की प्रिंटिंग नहीं की जाएगी। साथ बजट से पहले पेश होने वाला इकोनामिक सर्वे को प्रिंट नहीं किया जाएगा। सरकार की तरफ से 29 जनवरी को देश की आर्थिक गतिविधियों का रिपोर्ट काॅर्ड ‘इकोनोमिक सर्वे’ पेश होगा।
दो भागों में बांटा गया बजट सत्र
मंगलवार को लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस बार का बजट दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। पहला सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा सत्र 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। सभी सांसदों को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य रहेगा।