केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर से संवाद में किसान बोले- खेती से आय में हुआ इजाफा

नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2022, ‘‘किसानों की भागीदारी, प्राथमिकता हमारी‘‘ अभियान के शुभारंभ पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में मेलों में शामिल कुछ किसानों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान किसानबंधुओं ने उत्साह के साथ बताया कि केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से खेती के दौरान उनकी आय में इजाफा हो रहा है। विभिन्न राज्यों के इन किसानों ने चर्चा के दौरान बताया कि उनकी आय दोगुना से लेकर दस गुना तक बढ़ी है। श्री तोमर ने प्रगतिशील किसानों से अन्य किसानों को भी जागरूक कर लाभान्वित करने का अनुरोध किया।

जयपुर (राजस्थान) के किसान श्री गंगाराम से केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने पूछा कि केवीके से कितना लाभ मिल रहा है, तो श्री गंगाराम ने बताया कि केवीके से सीधा संपर्क रहता है। वे मछली पालन व जैविक खेती भी करते हैं, प्रोसेसिंग के साथ ही पालीहाउस के लिए सब्सिडी देने की केंद्र सरकार की योजना को उन्होंने सराहते हुए बहुत उत्साह के साथ बताया कि कृषि से उनकी आय में लगभग दस गुना तक वृद्धि हुई है, इस पर श्री तोमर ने उन्हें अन्य किसानों को भी आमदनी में बढ़ोत्तरी के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया। केवीके, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में उपस्थित किसान श्री पारसनाथ सिंह ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को जमीनी स्तर तक क्रियान्वित करवाने व उन्नत बीज किसानों तक सुलभता से पहुंचाने का मंत्री जी से अनुरोध किया। श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने हर जिले में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की है, जिसके प्रति प्रगतिशील किसानों द्वारा भी जागरूकता का प्रसार किया जाना चाहिए। श्री पारसनाथ ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व कृषि मंत्री श्री तोमर का आभार मानते हुए कहा कि वे कृषि को प्राथमिकता के आधार पर अपना रहे हैं। श्री पारसनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिलने वाली आय सहायता से छोटे किसान बहुत खुश है। किसान नई तकनीकें सीखकर खेती में अपना रहे हैं।

रांची में मोराबादी स्थित केवीके (रामकृष्ण मिशन आश्रम) में मौजूद किसान श्री संतोष भी जैविक खेती के साथ ही मछली,मुर्गी व बकरी पालन में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी आय में तीन गुना इजाफा हुआ है। उन्होंने केवीके द्वारा प्राकृतिक व जैविक खेती संबंधी प्रशिक्षण दिए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि इन पद्धतियों से ज्यादा उत्पादन होता है, जिसके लिए कृषि मंत्री श्री तोमर ने अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करने का उनसे आग्रह किया।

नवाड़ा (बिहार) के मछलीपालक व पशुपालक किसान श्री मनोज ने भी बताया कि केवीके व कृषि विभाग से किसानों को भरपूर सहयोग मिल रहा है। जब श्री तोमर ने उनसे सवाल किया कि खेती से उनकी आय दोगुना हुई है या नहीं, तो श्री मनोज ने कहा कि दोगुना से तो वे ऊपर उठ चुके हैं, अब तो आय में चार-छह गुना की बढ़ोत्तरी की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार द्वारा नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाने से उत्पादन बढ़ रहा है। खेती अब घाटे का सौदा नहीं रहा, बल्कि इसके प्रति नए लोग भी आकर्षित हो रहे हैं। श्री मनोज का पुत्र भी कृषि क्षेत्र में ही रोजगारप्राप्त है, जिसके लिए श्री तोमर ने उन्हें बधाई दी।

बाडमेर (राजस्थान) के किसान श्री वीरेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्रीय योजनाओं से लाभ मिल रहा है एवं कृषि में प्रगति व आय में वृद्धि हो रही है। वे खजूर की खेती करते हैं, जिसके लिए अच्छा बाजार मिल रहा है। एफपीओ से जुड़े है व केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ ले रहे हैं। कामरूप (असम) के किसान श्री सिद्धु सौराया ने बताया कि वे 12 हजार रु. महीने की नौकरी छोड़कर करीब पांच साल से खेती कर रहे हैं, जिसमें अब 50 हजार रु. महीने तक कमा लेते हैं। उनसे लगभग 100 किसान जुड़े हैं, जिन्हें वे उपज बेचने में भी मदद करते हैं। ग्वालियर के किसान श्री विशंभर सिंह गुर्जर ने कहा कि आर्या परियोजना सहित सरकार की योजनाओं से किसानों को फायदा हो रहा है, जिनसे उत्पादन तीन-चार गुना तक बढ़ा है और प्रतिमाह आय भी काफी बढ़कर 7 हजार रु. से 70 हजार रु. तक हो गई है।

मलीहाबाद (लखनऊ, उ.प्र.) के किसान श्री गिरिजाशंकर मौर्य से मंत्री द्वारा अनुभव पूछने पर उन्होंने बताया कि वे प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जिसके प्रति अन्य किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं। सभी विभागों का इसमें सहयोग मिल रहा है। देशी गाय आधारित यह पद्धति बेहतर है। श्री तोमर ने अन्य किसानों से श्री मौर्य के खेत पर प्राकृतिक खेती का अवलोकन करने का अनुरोध किया। कलबुर्गी (कर्नाटक) के किसान श्री विट्ठल ने बताया कि पीएम-किसान से मिलने वाले छह हजार रु. से किसानों को बहुत सहायता हो रही है। नए बीजों के उपयोग से उत्पादन-उत्पादकता बढ़ रही है।