कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच गुजरात के राजकोट की एक कंपनी के बनाए धमन वन नाम के सस्ते वेंटिलेटर ( ventilator) के नाकाम होने की ख़बरें आ रही हैं।
इस मामले में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के अधीक्षक ने एक पत्र लिख कर गुजरात मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( gmacl) को जानकारी दी है। इस पत्र में लिखा गया है कि कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए जीएमएससीएल ने जो धमन 1 और एजीवी वेंटिलेटर सिविल अस्पताल को दिए थे उनका प्रयोग किया गया था, लेकिन एनेस्थिसिया विभाग के प्रमुख का कहना है कि कोरोना के मरीज़ों में ये दोनों वेंटिलेटर उम्मीद के अनुरूप सही नतीजे नहीं दे पाए हैं। पत्र में कहा गया है कि 1,200 बेड वाले कोविद -19 अस्पताल में हाई एंड 50 आईसीयू वेंटिलेटर (वयस्क) की ज़रुरत है वहीं आईकेडीआरसी किडनी अस्पताल में भी 50 वेंटिलेटर आश्यकता है जो तुरंत मुहैया कराए जाएं। पत्र में ये भी कहा गया है कि गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के साथ यूएन मेहता अस्पताल में हुई बैठक का भी ज़िक्र किया गया है। गुजरात में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और ऐसी हालत में धमन 1 के अपेक्षानुसार काम न करने की ख़बर आने से विवाद खड़ा हो गया है।
कोरोना संक्रमितों और इस वायरस से होने वाली मौतों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात देश में दूसरे नंबर पर है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 11,378 है जबकि इससे मरने वालों आंकड़ा 659 है।
धमन 1 वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी का कहना था कि “वेंटिलेटर की क्वालिटी के मामले में कंपनी ने गांधीनगर स्थित इलक्ट्रोनिक्स एंड क्वालिटी डेवेलपमेंट सेंटर से अप्रूवल लिया है। बोर्ड ने गुणवत्ता देख कर ही अप्रूवल दिया है जिसके बाद ही वेंटिलेटर बनाए और बेचे गए।”

उसका कहना है कि मीडिया में आ रही ख़बरें उनके लिए भी चौंकाने वाली हैं। “अब इसमें क्यों त्रुटि बताई जा रही है ये अभी हमें समझ नहीं आया है। हमने ये मशीनें गुजरात सरकार को बेची नहीं बल्कि दान में दी हैं। हमने जितने वेंटिलेटर दिए हैं उनमें कोई समस्या नहीं है।

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक़ कंपनी वो कोरोना महामारी का सामना करने के लिए 1,000 वेंटिलेटर बना कर गुजरात सरकार को दान में देगी। कंपनी ने वेंटिलेटर का जो मॉडल तैयार किया था उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में प्रयोग के लिए रखा गया था। उस वक़़्त प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी वहां मौजूद थे।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि गुजरात के स्थानीय उद्योगपतियों को 10 दिनों में वेंटिलेटर बनाने में सफलता मिली है। वेंटिलेटर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब राज्य में वेंटिलेटर की कमी नहीं होगी।

कोरोना मरीज़ों के हिसाब से बनाया था वेंटिलेटर

उस वक़्त कंपनी ने कहा था कि “कोरोना संक्रमित मरीज़ों को ध्यान में रख कर ही धमन 1 वेंटिलेटर बनाया गया है। इस तरह के मरीज़ को प्रेशर बेस्ड वेंटिलेटर की ज़रुरत होती है। धमन 1 में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
यह भी कहा था कि “इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए 25 लोगों की एक टीम ने मिलकर 10 दिन में इस वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया। इसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में रखा गया था।

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