विशेष संवाददाता

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बाद अब प्रशासन ने पूर्व आईएएस शाह फैसल पर पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) लगा कर इस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले शाह फ़ैसल जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के अध्यक्ष हैं।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद शाह फ़ैसल को पिछले साल 14 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में कस्टडी में लेकर उन्हें एमएलए हॉस्टल में रखा गया। अभी यह तय नहीं है कि शाह फ़ैसल को उनके घर में शिफ़्ट किया जाएगा अथवा एमएलए हॉस्टल में ही रखा जाएगा।

अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर भी लगा है PSA

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हाल ही में राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला. पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, अली मोहम्मद सागर, सरताज मदनी, हिलाल लोन और नईम अख्तर पर भी पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।

क्या है पीएसए

पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट जम्मू कश्मीर का एक विशेष कानून है जिसे 1978 में फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला ने लागू किया था। यह कानून किसी भी शख्स को एहतियातन हिरासत में लेने से संबंधित है जिसके प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकार किसी भी व्यक्ति के खिलाफ बिना केस चलाए उसे दो साल तक जेल में रख सकती है।

कहा जा सकता है कि ये कानून देश के दूसरे हिस्सों में लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून  (NSA) जैसा है, लेकिन देश में NSA लागू होने से दो साल पहले ही जम्मू कश्मीर में PSA लागू हो चुका था.

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला और फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने पर सारा अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है। सारा अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला की बहन है। सारा ने कहा कि सभी कश्मीरियों के वही अधिकार होने चाहिए, जो देश के दूसरे नागरिकों को हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here