तय समय से दो घंटे देर से ली सदस्यता
जेपी नड्डा के सामने थामा बीजेपी का दामन
विशेष संवाददाता
यह एक नये युग का सूत्रपात है । एमपी की राजनीति के कद्दावर घराने के चिराग ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 साल की कांग्रेस से जुड़ी निष्ठा को तिलांजलि देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को पार्टी का दुपट्टा ओढ़ाकर और बुके देकर सदस्यता दिलाई। इस मौके पर नड्डा ने राजमाता सिंधिया का स्मरण किया, साथ ही पार्टी में उनके अंशदान को चिन्हित किया।
सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा, मैं सबका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा, मेरे जीवन में दो दिन ऐसे दिन आये जब मैंने दो अहम कदम उठाए। पहला, 30 दिसम्बर 2001 में पिताजी ( माधव राव सिंधिया) के निधन का दिन और उसके चलते राजनीति में प्रवेश और 10 मार्च 2020 को उनके जन्मदिन पर जीवन की राह बदलने का फैसला। इस मौके पर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि मैने 18 वर्षों तक इस पार्टी की मन प्राण से सेवा की। लेकिन कांग्रेस राह भटक चुकी है। जन सेवा का काम इस पार्टी में संघटन के माध्यम से नहीं हो पा रहा था। इस वास्तविकता को कांग्रेस स्वीकार नहीं कर रही थी । मध्य प्रदेश मे बनी कांग्रेस सरकार 18 महीनों में ही बिखर गयी। किसानो का सत्ता मे आने के दस दिन में कर्जा माफ करने का वादा छलावा बन कर रह गया। राज्य मे रेत माफिया का राज है। ट्रांसफर उद्योग जम कर चल रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है। नाकाम रही है कमलनाथ सरकार।
उन्होने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनमे योजनाओं को कार्यान्वित करने की अद्भूत क्षमताओं का कायल हूँ । देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने जो मान दिलाया वो काबिले तारीफ है। उनके हाथों मे देश का भविष्य सुरक्षित है।
सिंधिया ने सबका धन्यवाद करते हुए इतना कहा कि मोदी जी, अध्यक्ष नड्डा जी और अमित शाह जी के अलावा पार्टी के करोडों कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा भिडा कर देश को आगे बढाने मे अपना अंशदान करता रहूंगा । उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नही दिया।
ज्योतिरादित्य के इस फैसले से सिंधिया परिवार ने 360 डिग्री का मोड़ लिया। सिर के बल घूमना इसलिए कहा जायेगा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया साढे पाँच दशक पहले कांग्रेस छोड़कर जनसंघ ( बीजेपी का पुराना नाम ) में शामिल हुईं थीं। उन्होंने तब एमपी में डीके मिश्र की सरकार गिराकर गोविंद नारायण की सरकार बनवाई। वक़्त के साथ राजमाता के पुत्र माधवराव जनसंघ ने में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। माधवराव आपात काल के समय कांग्रेस के साथ हो लिए। उनकी दोनो बुआ वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे भाजपा में हैं ही।
इसके पहले सुबह से लेकर दोपहर तक सिंधिया
कांग्रेस छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को तय समय के मुताबिक 12.30 बजे बीजेपी में शामिल नही हो सके। बाद में कहा गया कि उनके शामिल होने का वक़्त 2 बजे कर दिया गया। ऐसा क्यों हुआ यह बताने के लिए कोई तैयार नही था। फिर कहा गया कि दिल्ली में राहुकाल है इसलिए 2 बजे के बाद सिंधिया बीजेपी मुख्यालय के लिए निकले।
इसके पहले उन्हें लेने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम उनके घर पहुंचे थे। यह वही इस्लाम हैं, जो पिछले कई माह से सिंधिया का मन मोड़ने में लगे थे। सिंधिया ने अपराह्न दो बज कर 48 मिनट पर नड्डा के हाथो भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। भाजपा अध्यक्ष ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया ।
सिंधिया और हर्ष चौहान एम पी से होंगे राज्यसभा के उम्मीदवार
राज्यसभा के लिए चुनाव 26 मार्च को होना है। ज्योतिरादित्य और हर्ष चौहान को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
प्रभात झा का भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा?
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश कोटे से राज्य सभा के सांसद प्रभात झा ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
सिंधिया के ट्विटर हैंडल को अभी भी फॉलो कर रहे हैं प्रियंका, कांग्रेस और उसके नेता… कमलनाथ भी फॉलो कर रहे हैं अब तक…जबकि इस्तीफा दिए 24 घंटे से ज्यादा हो गया है |