इस सदी का पहला सुपर साइक्लोन ‘अम्‍फान’ आ रहा है। ये 20 मई यानी कल पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा। बीस साल के बाद भारत पर किसी सुपर साइक्लोन का खतरा मंडरा रहा है. इससे पहले साल 1999 में सुपर साइक्लोन ने ओडिशा में तबाही मचाई थी। करीब नौ हजार लोग मारे गए थे। सुपर साइक्लोन की कैटेगरी में उस तूफान को रखा जाता है जिसकी रफ्तार 240-250 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो। इस वक़्त इसका रुख बंगाल और बंगलादेश की ओर ज्यादा दिख रहा है। अगर उस दिशा में आगे बढ़ा तोऑ फिर इसका निशाना असम और उधर के राज्य हो सकते हैं।

कितना खतरनाक है तूफान

मौसम विभाग (IMD) के डायरेक्‍टर जनरल मृत्‍युंजय मोहापात्र के मुताबिक,चक्रवात अम्‍फान ( amfan) का रास्‍ता 2019 में आए बुलबुल तूफान की तरह है। लेकिन, जब यह जमीन पर टकराएगा तो 1999 के सुपर साइक्‍लोन फानी के जितना प्रचंड नहीं रहेगा।

बंगाल और ओडिशा में असर शुरू

पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई इलाकों में सुपर साइक्लोन ‘अम्‍फान’ का असर दिखना शुरू हो गया है। तेज हवा के साथ लगातार बारिश हो रही है। शाम तक हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी। इसके बाद 20 मई की सुबह के बाद तूफान की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार को पार कर जाएगी।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल ये तूफान दक्षिणी बंगाल की खाड़ी से लगे पश्चिम-मध्य और मध्य हिस्सों के ऊपर है जो पारादीप (ओडिशा) के करीब 600 किलोमीटर दक्षिण, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 750 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और खेपुपारा (बांग्लादेश) से 800 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है।
अम्फान’ के बांग्लादेश के दक्षिणी तट की ओर बढ़ने के बीच यहां की सरकार ने करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी अति प्रभावित 19 जिलों के प्रशासन को लोगों की जान बचाने के लिए सभी तैयारियां करने को कहा गया है।

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