वाराणसी। शहर के भेलूपुर थाना अंतर्गत महमूरगंज इलाके में आज सुबह लगभग 5:30 बजे एक नामचीन प्राइवेट अस्पताल के तीसरे फ्लोर में आग लगने से हड़कंप मच गया। आग ऑपरेशन थिएटर के बाहर लगे इलेक्ट्रॉनिक पैनल से फैली और देखते ही देखते पहले ओटी में और फिर उसके ठीक बगल में बनाए गए आईसीयू रूम तक पहुंच गई। आईसीयू में इस दौरान 10 मरीज जो क्रिटिकल कंडीशन में थे। आग ऊपर के फ्लोर में फैलती इससे पहले अस्पताल प्रबंधन और अग्निशमन अधिकारियों ने मिलकर यहां पर भर्ती सभी 10 मरीजों को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किया।
इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड से फैली आग
दरअसल, महमूरगंज स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल के तीसरे फ्लोर पर आग की सूचना मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सबसे पहले अस्पताल में लगाए गए फायर फाइटिंग इक्विपमेंट की मदद से इस पर काबू पाने की कवायद शुरू की। इलेक्ट्रॉनिक पैनल से आग बढ़ते-बढ़ते ऑपरेशन थिएटर तक पहुंची। इसके बाद आईसीयू आग की चपेट में आने लगा। ठीक बगल में मौजूद आईसीयू में 10 मरीजों में से 6 मरीज वेंटिलेटर पर थे, जबकि बाकी की कंडीशन भी क्रिटिकल बताई जा रही थी।
शीशा तोड़कर रेस्क्यू की कोशिश
इस दौरान आग बढ़ने लगी और ऊपर के फ्लोर पर धुआं बढ़ता देख मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कवायद शुरू की। इसके बाद आग तो बुझने लगी लेकिन धुआं बढ़ने लगा. जिसको खत्म करने के लिए अस्पताल के बाहर लगे शीशे को तोड़कर राहत देने की कोशिश शुरू हुई। जब धुआं कम होने लगा तो आईसीयू में मौजूद उन 10 मरीजों को दूसरे कमरे में शिफ्ट करने की कवायद शुरू हुई, जो आग की वजह से यहां फस गए थे।
10 मरीजों को सुरक्षित किया गया शिफ्ट
इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह ने बताया कि आग को पूरी तरह से काबू में करने के लिए लगभग डेढ़ घंटे से ज्यादा वक्त लगा। दो से ज्यादा फायर फाइटिंग व्हीकल की मदद से आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया है। जो 10 मरीज ऊपर भर्ती थे आईसीयू से उन्हें दूसरे बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है. सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उनका कहना है कि फिलहाल अस्पताल का फायर फाइटिंग इक्विपमेंट बेहतर तरीके से काम कर रहा है, लेकिन अन्य जांच की जाएगी कि कोई कमी तो नहीं थी। वहीं आग लगने की सूचना के बाद आईसीयू में भर्ती मरीजों के तीमारदार अस्पताल के बाहर काफी परेशान दिखाई दे रहे थे। लगभग डेढ़ घंटे तक जब तक मरीजों को दूसरे कमरे में शिफ्ट नहीं किया गया था। तब तक बाहर मौजूद परिजनों की परेशानी साफ तौर पर दिखाई भी दे रही थी।