नई दिल्ली (एजेंसी)। बांग्लादेश में हिंदुओं की धार्मिक आजादी को कुचले जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने शुक्रवार को कहा कि यह घटनाक्रम नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के महत्व को रेखांकित करता है। बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ‘जिस छूट के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं की धार्मिक आजादी को कुचला जा रहा है, वह सीएए के महत्व को दोहराता है जो एक मानवीय कानून है। सीएए पर ममता बनर्जी के विरोध और सोची-समझी चुप्पी से अब बंगाल के हिंदुओं को चिंता होनी चाहिए जो तृणमूल कांग्रेस के शासन में हाशिये पर महसूस कर रहे हैं।

‘मालूम हो कि सीएए अभी प्रभाव में नहीं आया है। इसमें बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत कुछ पड़ोसी देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर भारत में नागरिकता देने का प्रविधान है।बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी मामले को उठाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ इस ‘पीड़ादायी और शर्मसार करने वाले’ मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से उठाया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दुर्गा पूजा पंडालों और मंदिरों में तोड़फोड़ दुखदायी है। मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अपवित्र करना सनातनी बंगाली समुदाय पर सोचा-समझा हमला है।

विहिप ने भी की निंदा, कार्रवाई की मांग

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी बांग्लादेश की घटनाओं की निंदा की और इन घटनाओं के दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई व हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह अपने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कट्टरपंथियों पर अंकुश लगाए। साथ ही पीडि़त हिंदुओं के नुकसान की भरपाई और मृतकों व घायलों को उचित मुआवजे की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी वहां के हिंदुओं के जानमाल और उनकी धार्मिक मान्यताओं की सुरक्षा हेतु बांग्लादेश सरकार पर उचित कार्रवाई के लिए दबाव बनाना चाहिए।

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