ओडिशा की महानदी में एक प्राचीन जलमग्न मंदिर मिला है। ओडिशा में भारतीय नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (आईएनटीएसीएच) के परियोजना समन्वयक अनिल धीर ने रविवार को बताया कि 60 फीट ऊंचा यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है।

प्रोजेक्ट के सिलसिले में हुए काम के दौरान यह मंदिर कटक के पद्मावती क्षेत्र में बिंदेश्वर के पास मध्य नदी में पाया गया। धीर ने कहा कि मंदिर की निर्माण शैली और निर्माण में उपयोग सामान को देखकर पता चलता है कि यह मंदिर 15वीं या 16वीं शताब्दी का है। माना जाता है कि जिस स्थान पर ये मंदिर मिला है, उस इलाके को पहले ‘सतपताना’ कहा जाता था। यहां पर एक साथ सात गांव हुआ करते थे। सातों गांवों के लोग इसी मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करते थे।

पद्मावती गांव भी इन गांवों में से एक था। नदी में बार-बार बाढ़ से गांव नदी में समा गया। लोग ऊंचे स्थानों पर जाकर बस गए। 19वीं शताब्दी के मध्य में मंदिर को स्थानांतरित कर सुरक्षित व ऊंचे स्थान पर स्थापित किया गया, जो वर्तमान में पद्मावत गांव का गोपीनाथ देव का मंदिर है।

अनिल धीर ने कहा कि मंदिर को स्थानांतरित और पुनस्र्थापित करने के लिए आईएनटीएसीएच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से कदम उठाने के लिए सिफारिश करेगा। आईएनटीएसीएच के प्रोजेक्ट असिस्टेंट दीपक कुमार नायक का कहना है कि यह मंदिर गोपीनाथ देव को समर्पित था।

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