गुरदासपुर। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने 46 बरस तक पार्टी की सेवा करने बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। कुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमार ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के बाहर राष्ट्रीय हितों की बेहतर सेवा कर सकते हैं।’

गुरदासपुर में अश्वनी कुमार की प्रताप बाजवा से शुरू से ही लड़ाई रही है। हमेशा एक दूसरे को कोसते रहे हैं।अब जब चुनाव हैं और प्रताप बाजवा भी लड़ रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर राेचक मुकाबला हाेने के आसार हैं।

इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में नतीजे चौंकाने वाले होंगे, क्योंकि वहां कांग्रेस चुनाव हार रही है और आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है।

कुमार ने कहा कि देश और समाज की सेवा अगर पार्टी में रहकर नहीं की जा सकती तो पार्टी में रहना बेहतर नहीं है। क्या आप भी जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधियाऔर आरपीएन सिंह की तरह बीजेपी में जाएंगे? इस सवाल पर अश्विनी ने कहा कि उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है, ना बीजेपी में जाने की बात की है और न ही वह किसी नेता के संपर्क में हैं। लेकिन वह क्या फैसला लेंगे, इसपर आने वाले कुछ दिनों में फैसला लेंगे।

अश्विनी कुमार ने कहा कि बीजेपी उनको लिए अछूत पार्टी नहीं है और वह मानते हैं कि देश की हर कमी के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराना भी ठीक नहीं है। अश्विनी कुमार ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना है कि विचारों की लड़ाई होनी चाहिए, व्यक्तिगत नहीं। वह बोले कि अब और दम से राजनीति करूंगा और अपनी तकदीर खुद लिखूंगा क्योंकि आज देश को लोगों को जोड़ने वाली राजनीति की जरूरत है।

पार्टी छोड़ते वक्त अश्विनी कुमार ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को सोचना चाहिए कि पार्टी के निष्ठावान लोग क्यों धीरे-धीरे पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। मैंने ये फैसला अपनी ​अस्मिता और सम्मान को समक्ष रखकर लिया गया है कांग्रेस अब वो पार्टी नहीं है जो पहले थी।

कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक अश्विनी कुमार के इस्तीफे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अश्विनी कुमार किसी और पार्टी का साथ थामेंगे या नहीं इस बात पर भी स्थिति साफ नहीं है। अश्विनी कुमार ने भी किसी और पार्टी को ज्वाइन करने के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है। गाैरतलब है कि पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी काे सीएम फेस ऐलान करने के बाद पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है। हालात यह है कि नवजाेत सिंह सिद्धू बहुत कम प्रत्याशियाें का प्रचार कर रहे हैं। दाे दिन पहले प्रियंका गांधी की रैली में सिद्धू ने संबाेधन करने से इंकार कर दिया था। उन्हाेंने कहा कि चन्नी से ही बुलवा लीजिए। पंजाब चुनाव में इस बार मुकाबला राेमांचक हाेने के आसार है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनावी समर में उतर आए हैं। वह रैलियाें में पीएम माेदी पर निशाना साध रहे हैं।

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