दिल्ली। कोरोना वायरस ओमिक्रॉन के नए-नए लक्षणों और प्रभावों के बारे में जानने को मिल रहा है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन का असर संक्रमित पर लंबे समय तक रहता है। ओमिक्रॉन की वजह से संक्रमित हुआ व्यक्ति रोजमर्रा के काम सही से नहीं कर पाता है।।ओमिक्रॉन के इन लक्षण की पहचान रिसर्चर्स ने ब्रेन फॉग के रूप में की है।
यादाश्त पर असर डालता है ब्रेन फॉग
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेन फॉग हमारी याददाश्त पर असर डालता है।।ये स्टडी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने की है। स्टडी में पता चला है कि लॉन्ग कोविड के लक्षण नहीं होने के बावजूद लोगों में ब्रेन फॉग की समस्या देखने को मिल रही है। स्टडी में पाया गया कि ब्रेन फॉग से प्रभावित लोग इस दौरान अपने जीवन की पुरानी घटनाओं के बारे में याद नहीं कर पा रहे थे।
हैरान करने वाली बात ये है कि टेस्टिंग के दौरान कोरोना के इन मरीजों ने ऐसा कोई लक्षण महसूस नहीं किया लेकिन इनकी यादाश्त में गिरावट नजर आई
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार ये लक्षण कई महीनों तक बने रहते हैं।
ब्रेन फॉग के लक्षण
हालांकि अभी तक वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि ओमिक्रॉन कैसे यादाश्त पर असर डाल रहा है? रिसर्चर्स के मुताबिक, ब्रेन फॉग के प्रभाव के बाद संक्रमित करीब 6 से 9 महीने बाद सामान्य स्थिति में लौट पाता है। लंबे वक्त तक कोरोना संक्रमित रहने वाले मरीजों को मांसपेशियों में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, खांसी और अनिद्रा जैसी समस्या होती है। वहीं ब्रेन फॉग में लोगों को खराब नींद, काम करने में मन नहीं लगना और कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाने की समस्या होती है।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में 26 साल के 136 लोगों पर अध्य्यन किया गया। इनमें से 53 लोगों ने बताया कि उन्हें कोरोना हुआ था और हल्के लक्षण थे।इन लोगों के याददाश्त और ध्यान से जुड़े कई टेस्ट लिए गए। जिसमें इन सभी की एपिसोडिक मेमोरी खराब मिली। वो अपनी जिंदगी की पुरानी घटनाएं ढंग से याद नहीं कर पा रहे थे।