कानपुर। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के इतिहास में कानपुर में सपा मुखिया अखिलेश यादव के कथित खजांची बताए जाने वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से अब तक 175 करोड़ रुपये की नकदी की बरामदगी कीर्तिमान बन गई है। इससे पहले देश में कभी इतनी नकदी किसी छापे में नहीं मिली। अभी नोटों की गिनती चल रही है।

नकदी का स्रोत नहीं बता पाने पर जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम ने आनंदपुरी निवासी इत्र कारोबारी के बेटों प्रत्यूष जैन और प्रियांश जैन को हिरासत में लिया और कार से लेकर कन्नौज चले गए। अधिकारियों के मुताबिक, छापे के समय से ही पीयूष जैन वहां नहीं आए। उनके घर में मिले नोटों की गिनती को अधिकारियों को शुक्रवार को नोट गिनने की तीन और मशीनें स्टेट बैंक ट्रांसपोर्ट नगर शाखा से मंगवानी पड़ीं।

गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण जैन के घर व आफिस से विभाग को 1.01 करोड़ रुपये की नकदी मिली। उनसे 3.09 करोड़ टैक्स और जुर्माना जमा कराया गया है। प्रवीण का कहना है कि पीयूष उनके रिश्तेदार हैं, लेकिन कन्नौज निवासी सपा एमएलसी पंपी जैन से उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं है। उधर, छापेमारी की जद में आए कारोबारियों से जुड़ाव मिलने पर इत्र कारोबारी संदीप के कन्नौज होली मोहल्ला व कानपुर के रावतपुर स्थित घर में भी जांच शुरू की गई है।

जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने हाल ही में गुजरात में शिखर पान मसाला लदे चार ट्रक पकड़े थे। ये ट्रक शहर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी के हैं। ट्रक में माल की इनवाइस फर्जी थी। इसके साथ ही ई-वे बिल भी जारी नहीं किया गया था। जांच में सामने आया कि ट्रक में लदा शिखर पान मसाला कानपुर में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड का है। पता चला कि गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण आनंदपुरी में रहते हैं। इसके बाद टीम ने आनंदपुरी स्थित उनके आवास पर छापा मारा। ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के घर से 45 लाख और आफिस से 56 लाख रुपये की नकदी मिली। यहां पता चला कि मूलरूप से कन्नौज और वर्तमान में आनंदपुरी निवासी इत्र कारोबारी पीयूष जैन शिखर पान मसाला के लिए अपना एसेंस देते हैं। इस पर पीयूष के यहां छापा मारा गया। वहां नोटों की गड्डियां निकलने लगीं तो आयकर विभाग को जानकारी देने के साथ स्टेट बैंक से नोट गिनने की मशीनें, बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाया गया। गुरुवार को चार व शुक्रवार को तीन और मशीनों के साथ कुल सात मशीनें नोट गिनने को लगाई गईं। शाम करीब पांच बजे गिने जा चुके 150 करोड़ रुपये 25 बक्सों में भरकर कंटेनर से रिजर्व बैंक भेजे गए। सीबीआइसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी का कहना है कि छापे में लगभग 175 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। यह सीबीआइसी के इतिहास की सबसे बड़ी वसूली है। उनके मुताबिक, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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