केन्द्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में शोर्ट एफिडेविट फाइल किया। केन्द्र स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिरक्षा विभाग के डेप्युटी डायरेक्टर राम केश की तरह से फाइल ने कोर्ट में एफिडेविट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता पर अभी देश की पूरी आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज देना है, मामले पर दो एक्सपर्ट बॉडीज NTAGI और NEGVAC वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं और विचार कर रहे हैं, इसके बाद बूस्टर खुराक की आवश्यकता और औचित्य के रूप में कोशिश 19 टीकों के डोज के शेड्यूल पर विचार किया जाएगा।

आपको बता दें कि कोरोना के बदलते वैरिएंट को ध्यान में रखते हुए दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए बूस्टर डोज की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए 25 नवंबर 2021 को कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले में अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई पर जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की कोर्ट ने कहा था कि जहां पश्चिमी देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज लेने की पैरवी कर रहे हैं, वहीं भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक बूस्टर डोज को लेकर कोई चिकित्सा साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।

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