देश भर में आयोजित लोक अदालतों में जिन मामलों की सुनवाई हुई उनमें लगभग 11 लाखों मुकदमे वर्षों से लंबित पड़े हुए थे।
इस आयोजन के दौरान साढ़े 72 लाख मुकदमों की फिजिकिल और वर्चुअल दोनों तरीको से सुनवाई हुई। इस दौरान लगभग 18 लाख 23 हजार मुकदमो को अदालत आने से पहले ही सुलझा लिए गए।
जबकि 10 लाख 76 हजार मुकदमे जो वर्षों से अदालत में लंबित पड़े हुए थे। उनका भी आपसी सहमति से निपटारा कर लिया गया।
इस तरह शनिवार को पूरे देश में आयोजित लोक अदालत में करीब साढ़े 72 लाख मुकदमों की सुनवाई हुई। जिनमे में से 29 लाख का तो सर्वसम्मति से निपटारा कर दिया गया।
यह लोक अदालत इस साल की चौथी लोक अदालत थी। नेशनल लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी NALSA की पहल पर राज्यों, हाईकोर्ट्स, जिला स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से बड़ी संख्या में मामलो का निपटारा करने में सफलता मिली।
NALSA ने इसके लिए लगातार राज्य स्तरीय विधिक सेवा अधिकरण और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ रिव्यू मीटिंग के साथ-साथ अन्य विकल्पों के साथ भी कंसल्टेशन जारी रखा था।
जिसका परिणाम है कि इतनी बड़ी संख्या में मामलो का निपटारा किया जा सका।