नई दिल्ली। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने देश में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक का हवाला देते हुए बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी मांगी है। सीरम इंस्टिट्यूट ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से निपटने के लिए बूस्टर शॉट की जरूरत बताई है।
भारत के डीसीजीआई को भेजे एक आवेदन में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा, यूके की दवाएं और हेल्थ केयर प्रोडक्ट रेगुलेटर ने पहले ही बूस्टर डोज को मंजूरी दे दी है। वहां एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है। एक आधिकारिक सूत्र ने डीसीजीआई प्रकाश कुमार सिंह के हवाले से कहा, ‘हमारे देश के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिक जिन्हें पहले ही कोविशील्ड की दोनों डोज लग चुकी हैं वे लगातार बूस्टर डोज की मांग कर रहे हैं।’
डीसीजीआई ने कहा कि यह समय की मांग है और प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के अधिकार की बात है कि वे इस महामारी से खुद को बचाने के लिए तीसरी खुराक/बूस्टर डोज से वंचित नहीं रहें। इससे पहले केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह बूस्टर डोज की जरूरत के वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं। हाल ही में, केरल, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह नए वैरिएंट ओमीक्राॅन के खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज की परमीशन देने पर निर्णय करें।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी 25 नवंबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह उन लोगों को बूस्टर डोज देने पर अपना रुख स्पष्ट करे। कोर्ट ने कहा था कि वह दूसरी लहर जैसी स्थिति नहीं चाहता इसलिए जिन्हें कोरोनो वायरस वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी हैं उन्हें तीसरी डोज दी साकती है कि इस बाबत सरकार अपना रुख साफ करे।