नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। रविवार को भारत सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक आगे बढ़ाने का अध्यादेश जारी किया है। वर्तमान में ईडी और सीबीआइ के प्रमुखों को दो साल तक की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था।

केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) 2021 नाम का अध्यादेश संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा लाया गया है, जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार इसे बदलने के लिए संसद में एक कानून पेश करने की उम्मीद है।

अब तक दोनों जांच एजेंसियों के निदेशकों को दो साल की निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया जाता रहा है। जबकि उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्हें हटाया नहीं जा सकता है, सरकार द्वारा उनके कार्यकाल का विस्तार दिया जा सकता है।

बता दें कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआइ वर्तमान में 1985- बैच के आइपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल के नेतृत्व में है, जिन्हें मई 2021 में दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था। ईडी का नेतृत्व आइआरएस अधिकारी संजय कुमार मिश्रा कर रहे हैं, जिन्हें नवंबर 2018 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। नवंबर 2020 में केंद्र द्वारा उनके कार्यकाल को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। मिश्रा का दो साल का कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया था, लेकिन उनके कार्यकाल का एक साल का विस्तार दिया गया था।

गौरतलब है कि 1997 से पहले सीबीआइ के निदेशकों का कार्यकाल तय नहीं होता था और सरकार उन्हें किसी भी तरह से हटा सकती थी। हालांकि, विनीत नारायण के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक के लिए कम से कम दो साल का कार्यकाल तय किया ताकि अधिकारी को स्वतंत्रता के साथ काम करने की अनुमति मिल सके।

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