हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को पालना पाकिस्तान को काफी महंगा पड़ रहा है। फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने इन दहशतगर्दों पर कार्रवाई नहीं करने की वजह से पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। एफएटीएफ अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान विफल रहा है और इसलिए अभी ग्रे विस्ट में बरकरार रखा गया है।

एफएटीएफ ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे को रोकने में विफल रही है। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने 27 पॉइंट वाले एक्शन प्लान के 26 पॉइंट पर काम किया, लेकिन एक अहम बिंदु जिसपर पर उसे अभी काम करने की जरूरत है, वह है संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकी समूहों के बड़े दहशतगर्दों के खिलाफ जांच और सजा देना। इस वजह से अभी पाकिस्तान को सख्त निगरानी में रखा गया है।

जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया अजहर मसूद, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक और इसका ऑपरेशनल कमांडर जकिउर रहमान लखवी, जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों को आज भी पाकिस्तान में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। ये तीनों बड़े आतंकवादी संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आतंकियों की लिस्ट में तो हैं ही भारत के लिए भी मोस्ट वांटेड हैं। ये आतंकी 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में हुई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।

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