पुलिस जब कार्रवाई करने पर आती है तो तय वक्त की पाबंदी भी उसके लिए कोई मायने नहीं रखती है। ताबड़तोड़ तफ्तीश कर गुनाहगारों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेती है। रेप केस से जुड़ा ग्रेटर नोएडा का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इंस्पेक्टर राजवीर सिंह चौहान ने महज 5 दिनों में ही गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर उसे कोर्ट में भी दाखिल कर दिया। इसके चलते दोषी को जल्‍द सजा हो सकी।

गौरतलब रहे कि ग्रेटर नोएडा के दादरी में बीते साल अक्टूबर में कुछ लोगों ने एक नाबालिग के साथ गैंगरेप किया था। पीड़िता 8वीं क्लास में पढ़ती थी। घटना की जानकारी होते ही पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। पीड़िता के परिवार का कहना था कि पड़ोस में ही रहने वाले दो युवक लड़की को अपने घर ले गए थे। इसके बाद पुलिस ने फौरन ही आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर लिया था।

पीड़ित परिवार पर धमकाने की भी हुई सजा

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने रेप की शिकायत थाने में दर्ज कराई तो आरोपी युवक फरार हो गए। इतना ही नहीं घटना को रफा-दफा करने के लिए दबाव बनाने लगे. जब पीड़ित परिवार ने दर्ज रिपोर्ट वापस लेने से मना किया तो धमकी देने लगे, जिसकी शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की। कोर्ट ने भी इस धमकी का संज्ञान लेते हुए सजा सुनाते वक्त धमकी देने की सजा को भी जोड़ दिया। कोर्ट ने भी गैंगरेप के इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आरोपियों पर 163 दिन में फैसला सुनाते हुए उम्रकैद की सजा दी।

तबियत बिगड़ने पर पता चला रेप हुआ है

आरोपी युवकों ने पीड़ित लड़की के साथ गैंगरेप किया। रेप करने के बाद लड़की को छोड़कर फरार हो गए। लेकिन जब लड़की घर पहुंची तो उसकी हालत देखकर परिवार वाले सहम गए। उन्हें कुछ शक हुआ। लड़की को लेकर अस्पताल पहुंचे तो मालूम हुआ कि लड़की के साथ गैंगरेप हुआ है।

इसी के बाद इंस्पेक्टर राजवीर सिंह चौहान ने टीम के साथ काम करते हुए पीड़िता के बयान, फोरेंसिक से जुड़े सबूत और मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाकर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरु कर दी। जिसका नतीजा यह निकला कि महज 5 दिनों में ही केस से जुड़ी चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी गई।

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