एतिहासिक फैसले की घड़ी आ गयी, सुबह साढ़े 10 बजे आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
विशेष संवाददाता
राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को सुबह आयेगा। पिछले करीब 70 साल से देश की अदालतों में चल रहे अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला सुबह 10.30 बजे आयेगा।
लगभग पांच सौ साल से चल रहे इस विवाद को लेकर दो समुदाय मे लगातार संघर्ष चलता आ रहा था।
आजादी मिलने के बाद इस विवाद के चलते देश की राजनीति ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ अपील पर फैसला करेगा, जिसने निर्मोही अखाड़ा संप्रदाय, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और रामलला विराजमान के बीच विवादित 2.77 एकड़ के तीन-तरफ़ा विभाजन का आदेश दिया था।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। आज ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी व डीजीपी ओपी सिंह सहित अन्य सीनियर अधिकारियों के बीच बैठक हुई। गोगोई ने प्रदेश के सुरक्षा प्रबंध के बारे मे पूछा और इस बाबत कुछ निर्देश दिये।
अयोध्या पर फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर में सतर्कता, गली-गली में चौकसी
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में शान्ति हर हाल में बनाए रखने के लिए अधिकारी पूरी तरह सजग और तत्पर रहें। साथ ही सीएम योगी ने निर्देश दिए कि अव्यवस्था और अराजकता पैदा करने वालों को बख्शा न जाए और समय रहते कार्रवाई की जाए। अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है और केंद्र की ओर से 4000 पैरा मिलिट्री फोर्स के अतिरिक्त जवान भेजे गए हैं।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अयोध्या मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने अपने मंत्रियों से इस विषय पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द कायम रखने को कहा था।
आजाद भारत में इस संवेदनशील मुद्दे को सर्वप्रथम उठाते हुए देश व्यापी आन्दोलन छेड़ने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने सभी अनुशान्गिक संघटनो को संयम बरतने की ताकीद की है। संघ प्रमुख भागवत ने पिछले दिनों दिल्ली मे इस्लामिक नेताओं के साथ गंभीर मंत्रणा मे आपसी लद्भाव बनाये रखने पर सहमति जतायी थी।
जीत या हार दोनो पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करने की सलाह दी गयी है।अयोध्या के अलावा काशी और मथुरा मे विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
देश के सभी संवेदनशील स्थानों पर अर्ध सैनिक बल, रैपिड ऐक्शन फोर्स की तैनाती के अलावा एनडीआरएफ की टीमो को सजग रहने के निरेदेश दिये गये हैं ।
रेलवे ने भी फैसले के मद्देनजर आरपीएफ के जवानों की छुट्टियां रद कर दी हैं ।
आगामी 17 नवम्बर को अवकाश ग्रहण करने वाले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ यह फैसला सुनायेगी। संविधान पीठ ने 16 अक्ट्रबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। पीठ ने छह अगस्त से लगातार 40 दिन इस मामले में सुनवाई की थी।
फैसले से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी है। गृह मंत्रालय ने यूपी और आस-पास के राज्यों को सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाकर्मी तैनात करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो। सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर यूपी सरकार की मदद के लिए 40 कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजे गए हैं। इनकी तैनाती खासतौर से अयोध्या समेत अन्य संवेदनशील स्थानों पर की जाएगी। इसके अलावा सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए विशेष टीम का भी गठन किया गय़ा है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैसले के खिलाफ या समर्थन में जश्न मनाने वाले पोस्ट या मैसेज भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
फैसला देश की एकता अखंडता को बल देगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने देशवासियों से शान्ति व आपसी सद्भाव बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि यह फैसला देश की एकता-अखंडता को बल देगा । सभी पक्षकारो की कोशिश सराहनीय है इस फैसले से न किसी की जीत होगी न किसी की हार।
फैसला सुनाने वाले पांचो न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।