मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिए आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम कर दिया है। संसद में इसकी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने की वजह से यह निर्णय लिया गया। मनरेगा को लेकर उन्होंने कहा कि इसके तहत आबंटित कोष का उपयोग उनकी सरकार में बढ़ा है।
साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद
वहीं पूंजीपतियों से मोदी सरकार की साठगांठ के आरोप को सिरे से खरिज करते हुए वित्तमंत्री ने कहा,” साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है, गांवों में सड़कों का निर्माण, हर गांव में बिजली, छोटे किसानों के खातों में पैसा डालने जैसी योजनाएं गरीबों के लिए है न कि पूंजीपतियों के लिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा। बता दें मोदी सरकार पर विपक्ष अक्सर अडाणी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों से साठगांठ का आरोप लगाता रहता है।
बजट में किए गए प्रावधान आत्मनिर्भर भारत को देंगे बढ़ावा
उन्होंने कहा कि बजट में किए गए प्रावधान आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए हैं। बजट में तात्कालिक सहायता के साथ साथ मध्यम और दीर्घ अवधि में सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने विपक्ष को आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि आम आदमी की भलाई के लिए हमारी सरकार की योजनाओं के बावजूद विपक्ष एक झूठी कहानी बना रहा है कि सरकार ताकतवर पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है।उन्होंने कहा कि अवसंरचना निर्माण, निरंतर सुधार, खातों में पारदर्शिता बजट की विशेषताएं हैं। बजट में किए गए प्रोत्साहन प्रावधान आर्थिक पुनरूद्धार के लिए, महामारी के दौरान किए गए सुधार वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए किए गए।
सरकार ने रक्षा बजट में कमी नहीं की है
उन्होंने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में 18 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने का प्रावधान करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी।