चमोली (एजेंसी)। रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद बरसी आफत को 50 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन अब भी 197 लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। एसडीआरएफ ने यह भी बताया कि जिन लोगों को लापता माना जा रहा है उनमें से कुछ लोग प्रशासन के पास आकर अपनी मौजूदगी भी दर्ज करवा रहे हैं। अभी तक 5 लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज की है। अभी भी 35 लोगों के सुरंग में फंसे होने की आशंका है।

इस बीच तपोवन सुरंग के अंदर भी रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर चलता रहा। यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम जिंदगी की तलाश में रात भर मलबा निकालती रही।

आईटीबी की आठवीं बटालियन के जवानों ने जुगाजु और जुवानगर गांवों में राशन और जरूरी सामान पहुंचाए। धौलीगंगा में बाढ़ की वजह से ये गांव बाकी राज्य से कट चुके हैं।

सोमवार को भी पूरे दिन बचाव कार्य चलता रहा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में बचाव और राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ से 20 करोड़ रुपये का फंड जारी करने को कहा। 

बता दें कि चमोली जिले के तपोवन-रैनी इलाके में रविवार को ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में बाढ़ आ गई। इससे आसपास के घर बर्बाद हो गए और साथ में ही ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह तबाह हो गया।
 

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