वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अपना तीसरा बजट संसद में पेश किया। भाजपा और एनडीए के अन्य घटक दलों ने जहां बजट को आम आदमी की आकांक्षाओं पर खरा बताया है वहीं विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा कहती थी कि वो सभी की आय दोगुनी करेगी। क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही। हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोजगार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है। क्या इनको रोजगार मिलेगा। बजट जारी होने से पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा सरकार से बस इतनी गुजारिश है कि वो इस बार बजट में हमारे देश की एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मज़दूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति की आज़ादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करे क्योंकि भाजपा की विघटनकारी नीतियों से ये सब बहुत खंडित हुआ है।
उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बजट को लेकर केन्द्र सरकार से ट्वीट के जरिए कई सवाल किए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को बजट पेश होने के बाद ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि संसद में आज पेश केन्द्र सरकार का बजट पहले मंदी और वर्तमान में कोरोना प्रकोप से पीड़ित देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने तथा यहां की अति-गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की राष्ट्रीय समस्या को क्या दूर कर पाएगा?
संसद में आज पेश केन्द्र सरकार का बजट पहले मन्दी व वर्तमान में कोरोना प्रकोप से पीड़ित देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने तथा यहाँ की अति-गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि की राष्ट्रीय समस्या को क्या दूर कर पाएगा? इन्हीं आधार पर सरकार के कार्यकलापों और इस बजट को भी आंका जाएगा। मायावती ने कहा कि देश के करोड़ों गरीब, किसान और मेहनतकश जनता केन्द्र और राज्य सरकारों के अनेकों प्रकार के लुभावने वायदे, खोकले दावे और आश्वासनों आदि से काफी थक चुकी है। उनका जीवन लगातार त्रस्त है। सरकार अपने वायदों को जमीन हकीकत में लागू करे तो यह बेहतर होगा।