ऑस्ट्रेलिया 195 पर सिमटा, भारत की सधी शुरुआत, बुमराह के चार विकेट, अश्विन ने तीन शिकार किये

रतन सिंह

एडिलेड में धूल धुसरित होने और कोहली के पितृत्व अवकाश लेने से सहमी टीम इंडिया ने बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के पहले दिन एमसीजी पर ऑस्ट्रेलिया की कमजोर नस को फिर दबा दिया। यानी कमजोर बल्लेबाजी का भय याद दिलाया। कंगारू 200 का आंकड़ा छूने को तरस गए, जब कारवां 195 पर लुट गया। भारतीय गेंदबाजी शिखर पर रही। बुमराह (4-56 ), अश्विन (3-35 ) और प्रथम प्रवेशी शिराज ( 2-40) की तिकड़ी ने काम कर दिखाया। बचे 11 ओवर्स में भारत ने एक विकेट खोकर 36 रन बना लिए।

टेस्ट यात्रा शुरू करने वाले शुभमन गिल के लिए सब कुछ शुभ रहा। पहली कुछ गेंदें पल्ले नहीं पड़ीं, जीवनदान मिला और फिर भविष्य की झलक दिखाई। कुछ मोहक शॉट्स दिखे और 28 रन अंटे में खोंस कर कल के लिए वह खर्चने का जुगाड़ कर चुके हैं। उनके साथी मयंक के खाते में फिर नाकामी आई। पुजारा के कांधे पर खासा दारोमदार होगा।

कंगारुओं के लिए जो कुछ हुआ है और जो आगे होगा, वह गेंदबाज ही करेंगे। बैटिंग तो इतनी कमजोर है कि अस्सी का दशक जेहन में घूमने लगता है। चयन के गोरखधंधे से उभय पक्ष पीड़ित है। भारत तो के एल राहुल को न खिलाने पर अड़ा है। पहले टेस्ट से शामिल करना था, लेकिन बाहर बैठकर ताली बजा रहे हैं।

मेजबान तो और अड़ियल हैं। वार्नर चोटिल हैं तो फिंच को न खिलाना कौन सी लाचारी है। तकनीक की कमी अपनी आक्रामकता से पाट सकते हैं। बर्न ऑस्ट्रेलिया के भविष्य नहीं हैं। वेड से पारी का आगाज़ मेजबानों की अकिंचनता को अनावृत कर देता है। सबसे बड़ा सदमा स्मिथ की नाकामी से उन्हें लगा है। अश्विन ने उनका पीछा कर रखा है। उन्हें आज अपनी फील्ड पर कैच देने को विवश कर दिया। भारतीय गेंदबाजों ने पहले सत्र में तीन विकेट लेकर अंजाम का आगाज़ तय कर दिया था। शमी के बदले खेल रहे शिराज ने पिच के स्वभाव से तालमेल बिठाया। अब दारोमदार बल्लेबाजों पर होगा क्योंकि रविवार को पिच और तेज हो सकती है। सब अलग होगा।

अब कुछ बात कप्तान रहाणे की। उन्हें गेंदबाजों का कप्तान क्यों कहा जाता है, यह फिर साबित किया। देखने में वह बेचारे से लगते हैं। आंखों में झांकें तो लगेगा कोई लाचारगी तैर रही है। लेकिन ऐसे अंतर्मुखी मन से बड़े गरम होते हैं। उन्होंने अपने गेंदबाजों को वो फील्ड दी, जो उन्होंने चाहा और बौलर्स ने भी उसी के मुताबिक गेंद डाली।

टॉस पेन ने जीता और एकादश नहीं बदली जबकि भारत को चार बदलाव करने पड़े। गिल और शीराज़ को टेस्ट कैप मिली। जडेजा संतुलन बनाने एकादश में आये। पंत को साहा की जगह मिली क्योंकि भारत अमूमन कीपर्स की बल्लेबाजी नाकामी जरा भी नहीं पचाता। बर्न को खाता खोलने के पहले बुमराह ने विकेट के पीछे कैच कराया। वेड ने रन बनाने का काम संभाला। लेकिन वेड( 30) अश्विन पर जडेजा को कैच दे बैठे। स्मिथ ने अश्विन पर जिस तरह से लेग स्लिप पर कैच थमाया, वह उनकी कमजोर मानसिकता को दिखाता है। अश्विन ने जानबूझकर गेंद लेग पर डाली और स्मिथ पुजारा के हाथ में खेल बैठे। हेड ( 38 रन, चार चौके) ने लबुशेन के साथ 86 रन की भागीदारी से कंगारुओं की चिंता थोड़ी दूर की ही थी कि हेड बुमराह की थोड़ी आगे की गेंद काबू में नही रख सके और वाइड सेकंड स्लिप में रहाणे ने गलती नहीं की। ग्रीन ( 12) ठीक दिखे, पर शिराज की गेंद चूके और रेवेन्यू भी उन्हें नहीं बचा सकी। लबुशेन ( 48 रन ) को भी शिराज ने शार्ट फाइन लेग में गिल से कैच कराया जो गेंद उनके हाथों में खेल गए। पेन इस बार खास नही कर सके और अश्विन के शिकार बने। बचे बल्लेबाजों ने यही किया कि स्कोर दो सौ के पास ले गए।

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