लंदन (एजेंसी)। एक स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा कि गिलगित-बालटिस्तान हमेशा जम्मू और कश्मीर का ही हिस्सा रहेगा। इस क्षेत्र के पाकिस्तान का तथाकथित प्रांत बनने से यहां कभी विकास नहीं होगा। बलूचिस्तान से जुड़े एक चैनल से बातचीत में गिलगित-बलटिस्तान शोध संस्थान के अध्यक्ष सेंगे सेरिंग ने कहा कि यह क्षेत्र कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा। गिलगित-बलटिस्तान के लोगों ने देखा है कि पाकिस्तान का हिस्सा बनकर बलूचिस्तान में कभी भी कोई विकास नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि भारत में रह रहे गिलगित-बलटिस्तान के लोग भारतीय संविधान के तहत स्वतंत्रता और समानता के अधिकार के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिलगित-बलटिस्तान के लोग पिछले 73 सालों से किसी भी कानून के अधीन नहीं हैं। उनका कोई न्यायिक या संवैधानिक प्रमुख नहीं है।
अगर हम भारत के साथ रहे होते तो हमें उनके संविधान के तहत जगह मिलती। पाकिस्तान से युद्ध के बाद 1971 में भारत ने तत्काल गिलगित-बलटिस्तान के कुछ गांवों को अपने अधिकार में ले लिया था। भारत सरकार ने उन्हें तत्काल संवैधानिक अधिकार और संवैधानिक सीमाएं प्रदान कर दी थीं। इसीलिए यहां के लोगों को संसद में अपने प्रतिनिधि भेजने का अवसर नहीं मिला।
बालाकोट की एयर स्ट्राइक की सफालता का किया था दावा
गौरतलब है कि सेरिंग ने इससे पहले बालाकोट एयर स्ट्राइक की सफलता का भी किया था। भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर एयर स्ट्राइक के बाद विपक्षी दलों और पाकिस्तान ने एयर सट्राइक की सफलता पर सवाल उठाए थे, सेरिंग ने तब इसकी सफलता का दावा किया था।