विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। लगता है कि द्वितीय महायुद्ध मे जिस तरह जर्मनी के खिलाफ मित्र राष्ट्रों का गठन हुआ था लगभग वही स्थित इस समय चीन के खिलाफ लामबंद हो रहे देशों के गठबंधन की है।

पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी सैन्य तनातनी जग जाहिर है। बहुचर्चित नौसैनिक अभ्यास मालाबार 2020 में भारत ने चीन के एतराज को दरकिनार कर आस्ट्रेलिया को फिर से मालाबार नौसैनिक अभ्यास का हिस्सा बनाकर क्वाड (क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) देशों की रणनीतिक और सामरिक साझेदारी के नए दौर का साफ संकेत दिया है। इस नौसैनिक अभ्यास मे क्वाड के चारों देशों की भागीदारी होने जा रही है।

यह पहला मौका होगा जब क्वाड के चारों देशों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं एक साथ युद्धाभ्यास करेंगी। अक्टूबर के पहले हफ्ते में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आस्ट्रेलिया को मालाबार अभ्यास में शामिल करने पर चर्चा हुई थी। तब भारत ने सकारात्मक संकेत दिए थे, लेकिन चीन ने इस पर एतराज जताया था।

दरअसल, दक्षिण चीन सागर में अपनी आक्रामक नौसैनिक गतिविधियों के लिए चीन क्वाड देशों की नौसैनिक एकजुटता को गंभीर चुनौती मान रहा है। लेकिन वह शायद भूल रहा है कि क्वाड का दायरा और भी बढने जा रहा है। आसियान देशों के, जिनके साथ चीन का विवाद है, अलावा यूरोपीय देश भी निकट भविष्य में इस गुट में शामिल हो सकते हैं। अमेरिका इसका संकेत पिछले दिनो दे भी चुका है।

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दूसरे देशों के साथ भारत समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहता है। इसीलिए आस्ट्रेलिया की नौसेना को मालाबार अभ्यास में बुलाया गया है।

भारत की घोषणा के सामरिक-कूटनीतिक महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि अमेरिकी नौसेना ने भी इसके प्रति उत्साह दिखाया है। उसने चारों देशों के साथ आने को समुद्री ताकत चार गुना होने की बात कही। आस्ट्रेलिया ने मालाबार अभ्यास में 2007 में हिस्सा लिया था, लेकिन चीन की आपत्तियों के बाद वह इससे अलग हो गया था। हालांकि चीन की बढ़ती दादागीरी और उसके साथ रिश्ते कटु होने के बाद वह पिछले कुछ समय से इस अभ्यास का हिस्सा बनना चाहता था।

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘भारत समुद्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग के मद्देनजर मालाबार-2020 नौसेना युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी देखने को मिलेगी। युद्धाभ्यास की योजना ‘समुद्र में बिना संपर्क’ विषय पर केंद्र‍ित है। इस अभ्यास से मित्र देशों की नौसेना के बीच समन्वय मजबूत होगा।

मालाबार नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत 1992 में भारत-अमेरिका के बीच हुई थी। 2015 में जापान इसका हिस्सा बना। यह अभ्यास इस साल नवंबर में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच होगा। यह सालाना अभ्यास 2018 में फिलीपींस के समुद्री इलाके गुआम तट और 2019 में जापान के समुद्री इलाके में हुआ था।

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