पिशाचमोचन के तीर्थपुरोहित कृष्णकांत उपाध्याय व उनकी पत्नी ममता उपाध्याय की दिनदहाड़े हत्या के मामले में भी पुलिस हाथ मलती रही और मुख्य आरोपी ने पत्नी व बेटे के साथ कोर्ट में सरेंडर कर दिया। 21 सितम्बर की सुबह कालीमहाल स्थित घर के बाहर ही पुरोहित कृष्णकांत उपाध्याय की पहले गोली मारकर हत्या की गई फिर घर में घुसकर उनकी पत्नी ममता उपाध्याय को मौत के घाट उतार दिया गया था। पुरोहित के बेटे सुमित की भी हत्या की कोशिश हुई लेकिन उसने भागकर जान बचाई। यहीं नहीं, दुस्साहसिक हमलावरों ने कृष्णकांत व ममता को गोली मारने के बाद मौत की पुष्टि करने के लिए चापड़ से भी वार किया था। इसके बाद हमलावर स्कूटी से भाग निकले थे।
दोहरे हत्याकांड में बेटे सुमित उपाध्याय ने चाचा राजेंद्र उपाध्याय, चाची पूजा उपाध्याय, चाचा के लड़के और रामविचार के खिलाफ केस दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान चेतगंज पुलिस ने साजिश में रामविचार के लड़के मनचंदा और रमेश उपाध्याय का नाम शामिल किया। रामविचार व उसके लड़के मनचंदा को पुलिस ने गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया था। मुख्य आरोपी राजेंद्र उपाध्याय समेत चार आरोपितों की पुलिस को तलाश थी। शुक्रवार को मुख्य आरोपी पुरोहित का भाई राजेंद्र उपाध्याय, उसकी अधिवक्ता पत्नी पूजा उपाध्याय और बेटे ने चेतगंज पुलिस को चकमा देकर सीजेएम कोर्ट में समर्पण कर दिया। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया।
संपत्ति व यजमान के विवाद में हुई थी हत्या
गिरफ्तार होने के बाद रामविचार ने हत्या का कारण पैतृक संपत्ति व यजमानी का विवाद बताया था। इसको लेकर कई बार दोनों में खूनी संघर्ष हो चुका था। इसी को लेकर हत्या की साजिश रची गई और इसके बाद रामविचार, राजेंद्र उपाध्याय, पूजा उपाध्याय और उसके बेटे ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
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