नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उसकी कैबिनेट का पहला विस्तार होने वाला है। यह कैबिनेट विस्तार सावन के अंत में होने वाला है। सावन तीन अगस्त को खत्म हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार अगस्त के दूसरे हफ्ते में हो सकता है। भाजपा का मानना है कि सावन के समापन पर कैबिनेट विस्तार के लिए शुभ घड़ी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ 30 मई, 2019 को दोबारा पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। नियमों के मुताबिक लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या का 15 प्रतिशत ही मंत्रिमंडल हो सकता है। इस लिहाज से केंद्र सरकार में कुल 81 मंत्री नियुक्त हो सकते हैं। पिछली मोदी सरकार में कुल 70 मंत्री थे। इन हालात में माना जा रहा है कि पीएम मोदी कम से कम 13 और नए मंत्रियों को नियुक्त कर सकते हैं।

पार्टी के सूत्रों का कहना है कि जून में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संघ के दूसरे बड़े नेता कृष्णगोपाल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी संगठन के महासचिव बीएल संतोष मिले थे। कृष्णगोपाल ही संघ और भाजपा के बीच तालमेल देखते हैं। एक भाजपा नेता ने बताया कि भाजपा नेता नड्डा की टीम की एक सूची तैयार है। इससे तय होगा कि कौन लोग संगठन से सरकार का हिस्सा बनेंगे और कौन लोग सरकार से संगठन में वापसी करेंगे। इसका पूरा ब्लू प्रिंट तैयार है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, अनिल जैन, अनिल बुलानी को मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि राजस्थान के एक मंत्री को हटाया जा सकता है। आठ कैबिनेट मंत्रियों के पास दो से तीन मंत्रालय हैं। इन हालात में इन मंत्रियों का कार्यभार कुछ कम किया जा सकता है। मध्यप्रदेश से राज्यसभा में सीट हासिल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री एस.जयशंकर की तर्ज पर ही कुछ विशेषज्ञों को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। नवंबर में बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार में जदयू को भी कोई मंत्रालय सौंपा जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here