नई दिल्ली। कांग्रेस के छह साल से भी अधिक समय से केंद्र की सत्ता से बाहर रहने के बावजूद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को भारत की कई बड़ी कंपनियों से हर साल दान मिलना जारी है। इन कंपनियों में फिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन, टाटा स्टील लिमिटेड, टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड, भारती फाउंडेशन, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, मैक्स इंडिया फाउंडेशन आदि प्रमुख हैं। वर्ष 2014 में यूपीए सरकार के सत्ता गंवाने के बाद भी कारपोरेट जगत कांग्रेस पार्टी की संस्था राजीव गांधी को मोटी-मोटी रकम दान देने में लगातार रुचि दिखा रहा है।
राजीव गांधी फाउंडेशन की वर्ष 2018-19 की बड़ी दानकर्ता के अनुसार, कंपनियों में भारत फोर्ज, भारती फाउंडेशन, क्रिस्टी फ्रेडग्राम इंडस्ट्री, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड, जिंदल स्टील, मैक्स इंडिया फाउंडेशन, पैटोन इंटरनेशनल लिमिटेड, फिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन, टाटा स्टील लिमिटेड, टोरेंट पावर लिमिटेड और टीवीएस मोटर कंपनी आदि शामिल हैं। हालांकि इस सूची में केवल दानकर्ता कंपनियों के नाम हैं। इसमें दान की रकम का कोई जिक्र नहीं है।
इसी तरह वर्ष 2017-18 की सूची में उपरोक्त कंपनियों के अलावा पैटन इंटरनेशनल लिमिटेड, मुथुट फाइनेंस, हांडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया लिमिटेड शामिल है। इसी तरह से 2016-17 की सूची में उपरोक्त के अलावा जीवीके एयरपोर्ट फाउंडेशन, एसआरएफ लिमिटेड, यस बैंक लिमिटेड भी शामिल है। जबकि 2015-16 की सूची में इंडसइंड बैंक भी अतिरिक्त रूप से शामिल है। दूसरी ओर, 2013-15 की रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य विक्रम बिड़ला मेमोरियल ट्रस्ट, गेल, एनजीसी, एसबीआइ, सेल आदि कंपनियां भी प्रमुख दानकर्ताओं में शामिल हैं।
जेपी नड्डा ने राजीव गांधी फाउंडेशन पर लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को विभिन्न स्रोतों से धन मिलने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवालों के जवाब मांगे थे। जेपी नड्डा ने कहा कि चीनी दूतावास और भगोड़ व्यापारी मेहुल चोकसी से कितनी रकम मिली और बदले में उन्हें क्या लाभ दिया गया यह देश की आवाम को बताया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह ने वित्तमंत्री रहते 1991 के बजट में फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपए दिए थे।
चीन ने पैसा क्यों दिया
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश जानना चाहता है कि चीन की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों दिया गया? यह शर्मनाक है। विदेशी ताकतों से अपने निजी ट्रस्ट के लिए चंदा लेकर देश के हितों का बलिदान कर दिया गया। नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005 से 2009 तक हर साल नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से बड़ी रकम चंदे के रूप में ली। वर्ष 2006 से 2009 तक फाउंडेशन को टैक्स हैवेन लक्जेमबर्ग से भी भारी चंदा मिलता रहा।